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इटली में अंग्रेजी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध, पीएम मेलोनी ने दिया ब्रिटेन और अमेरिका को बड़ा झटका

इटली के प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने ब्रिटेन और अमेरिका को बड़ा झटका दिया है। प्रधानमंत्री मेलोनी की "ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी" ने नया कानून पेश किया है। इसके मुताबिक सरकारी कामकाज में अंग्रेजी भाषा के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Apr 02, 2023 9:01 IST, Updated : Apr 02, 2023 9:01 IST
जार्जिया मेलोनी, इटली की प्रधानमंत्री
Image Source : AP जार्जिया मेलोनी, इटली की प्रधानमंत्री

इटली के प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने ब्रिटेन और अमेरिका को बड़ा झटका दिया है। प्रधानमंत्री मेलोनी की "ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी" ने नया कानून पेश किया है। इसके मुताबिक सरकारी कामकाज में अंग्रेजी भाषा के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया है। इस कानून के लागू होने के बाद सरकारी कामकाज में अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल करने पर 1 लाख यूरो यानि 1,08,705 अमेरिकी डॉलर तक का जुर्माना भरना होगा। बता दें कि अंग्रेजी ब्रिटेन और अमेरिका में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है।

सीएनएन की खबर के मुताबिक अब इटली में आधिकारिक संचार में किसी भी विदेशी भाषा विशेष रूप से अंग्रेजी के इस्तेमाल पर जुर्माना लगाया जाएगा। इटली के लोअर हाउस की नेता फैबियो रामपेली ने यह कानून पेश किया है। प्रधानमंत्री मेलोनी ने इसे पूरा समर्थन दिया है। कानून के प्रस्ताव के मुताबिक आधिकारिक संचार में किसी भी विदेशी भाषा के इस्तेमाल पर प्रतिबंध की बात कही गई है। मगर विशेष रूप से "एंग्लोमेनिया" यानि इंग्लिश पर प्रतिबंध को केंद्रित किया गया है। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि विदेशी भाषा का इस्तेमाल इतालवी भाषा को नीचा दिखाता है। इससे अपमान भी महसूस होता है।

वह भी ऐसे समय में अंग्रेजी का इस्तेमाल हो रहा है ,जब ब्रिटेन अब यूरोपीय संघ का हिस्सा नहीं है। अब इस बिल को शीघ्र ही संसद में बहस के लिए लाए जाने की तैयारी है। इसके बाद इसे कानून का रूप दे दिया जाएगा। इसके लिए सार्वजनिक प्रशासन के क्षेत्र में इतालवी भाषा का एक कार्यालय खोलने की आवश्यकता भी बताई गई है, जहां लिखित, मौखिक ज्ञान पर इतालवी भाषा का अधिकार हो।

विदेशी कंपनियों को भी करना होगा इतालवी भाषा में काम

मसौदे के मुताबिक इटली में काम कर रही विभिन्न विदेशी कंपनियों में भी यह नियम लागू किया जाएगा, जहां आंतरिक नियमों, रोजगार अनुबंधों इत्यादि के लिए इतालवी भाषा का संस्करण होना चाहिए। यानी विदेशी कंपनियों को भी आधिकारिक संचार में इतालवी भाषा का ही इस्तेमाल करना होगा। प्रस्ताव में कहा गया है कि यह केवल फैशन की बात नहीं है, क्योंकि वह आता है और गुजर जाता है, लेकिन एंग्लोमेनिया यानी अंग्रेजी का प्रभाव पूरे समाज पर पड़ता है। इटली का अनुच्छेद 2 इतालवी भाषा को राष्ट्रीय क्षेत्र में सार्वजनिक वस्तुओं और सेवाओं के प्रचार और उपयोग के लिए अनिवार्य बनाने की शक्ति देता है। ऐसा नहीं करने पर 5000 यूरो यानी 5435 अमेरिकी डालर से लेकर 100000 यूरो के बीच जुर्माना लगाया जा सकता है।

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