इटली: पोप फ्रांसिस ने आज शुक्रवार को सात देशों के समूह ‘जी7’ को संबोधित किया। इसके साथ ही वह जी7 देशों को संबोधित करने वाले पहले पोप बन गए। उन्होंने विश्व के अग्रणी औद्योगिक देशों के नेताओं के समक्ष कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की संभावनाओं और खतरों पर प्रकाश डाला। फ्रांसिस ने दक्षिणी इटली में आयोजित वार्षिक शिखर सम्मेलन में जी7 और अन्य आमंत्रित देशों को संबोधित किया। पोप ने जी7 के प्रत्येक सदस्य और अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिले। फ्रांसिस ने पीएम मोदी को देखते ही गले लगा लिया। प्रधानमंत्री ने पोप फ्रांसिस को भारत आने का न्यौता दिया।
रिकॉर्ड तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी अपने पहले विदेश दौरे पर इटली के जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। पीएम मोदी और फ्रांसिस की यह मुलाकात काफी यादगार रहेगी। मोदी ने फ्रांसिस से इस दौरान उनका हालचाल भी पूछा। बता दें कि पीएम मोदी मेजबान इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के विशेष आमंत्रण पर इटली पहुंचे हैं। पीएम मोदी ने जी7 से इतर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की है। अभी वह इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता कर दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करेंगे।
पीएम मोदी से मिले जस्टिन ट्रूडो
जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी पीएम मोदी से मुलाकात की। जी-20 शिखर सम्मेलन में 2023 में भारत आकर लौटने के बाद कनाडाई प्रधानमंत्री की की ओर से हरदीप सिंह निज्जर मामले में भारत पर लगाए गए आरोपों के बाद यह पीएम मोदी के साथ पहली मुलाकात है। पीएम मोदी ने मुलाकात की तस्वीरों के एक्स पर शेयर किया है। हालांकि बातचीत का कोई ब्यौरा नहीं मिल सका है।
जी7 को संबोधित करने वाले पहले नेता बने पोप फ्रांसिस
पोप फ्रांसिस शुक्रवार को सात देशों के समूह ‘जी7’ को संबोधित करने वाले पहले पोप बन गये। उन्होंने विश्व के अग्रणी औद्योगिक देशों के नेताओं के समक्ष कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की संभावनाओं और खतरों पर प्रकाश डाला। पोप फ्रांसिस ने दुनिया के समृद्ध लोकतंत्रों के नेताओं का आह्वान किया वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास और इस्तेमाल में मानवीय गरिमा को सर्वोपरि रखें। फ्रांसिस ने ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (जी7) के समक्ष अपनी नैतिक शक्ति का परिचय भी दिया। पोप को मेजबान इटली ने एआई पर अपने वार्षिक शिखर सम्मेलन में एक विशेष सत्र को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया था। फ्रांसिस ने कहा कि राजनीतिज्ञों को एआई को मानव-केंद्रित बनाने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए, ताकि मानवीय निर्णय हमेशा मनुष्यों द्वारा लिए जाएं, मशीनों द्वारा नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम लोगों से अपने और अपने जीवन के बारे में निर्णय लेने की क्षमता छीन लें तथा उन्हें मशीनों के विकल्पों पर निर्भर रहने के लिए बाध्य कर दें, तो हम मानवता को आशाहीन भविष्य की ओर ले जाएंगे।’’
कुछ देश और वैश्विक निकाय ओपनएआई के चैटजीपीटी द्वारा शुरू किए गए ‘जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ का इस्तेमाल बढ़ने पर एआई पर मजबूत सुरक्षा उपायों के लिए जोर दे रहे हैं। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने फ्रांसिस को आमंत्रित किया था। फ्रांसिस ने एआई से जुड़ी चिंताओं को दोहराया और अन्य लोगों को इस संबंध में सचेत किया। अपने भाषण के अलावा, फ्रांसिस ने पूरे दिन द्विपक्षीय बैठकें कीं। उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ-साथ अल्जीरिया, ब्राजील, भारत, केन्या, तुर्किये और इंडोनेशिया के नेताओं के साथ बैठकें कीं। वह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों सहित जी7 सदस्यों से भी मुलाकात करेंगे।
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