लंदन: ब्रिटेन में स्थानीय चुनाव और एक अहम उपचुनाव में ‘कंजर्वेटिव पार्टी’ के खराब प्रदर्शन के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का नेतृत्व भारी दबाव में आ गया है। ऐसा बताया जा रहा है कि यह पिछले 40 साल में पार्टी के लिए सबसे खराब चुनावी परिणाम है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि पार्टी के भीतर के विद्रोही नेता चुनाव में विपक्षी ‘लेबर पार्टी’ के बेहतर परिणाम हासिल करने के परिप्रेक्ष्य में ब्रितानी भारतीय नेता सुनक पर अपने हमले तेज कर देंगे। ‘लेबर पार्टी’ ने ‘ब्लैकपूल साउथ’ संसदीय सीट पर उपचुनाव में जीत हासिल की। ‘कंजर्वेटिव पार्टी’ के सदस्य स्कॉट लॉयड बेंटन के इस्तीफे के बाद ये उपचुनाव कराए गए थे।
‘लेबर पार्टी’ के नेता सर कीर स्टार्मर ने कहा, ‘‘ब्लैकपूल पूरे देश की आवाज को दर्शाता है। यह एक ऐसा मुकाबला है, जिसमें मतदाताओं को ऋषि सनक की ‘कंजर्वेटिव पार्टी’ को सीधे एक संदेश भेजने का मौका मिला और यह संदेश परिवर्तन के लिए भारी संख्या में वोट करके दिया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऋषि सुनक के लिए संदेश स्पष्ट है। यह बदलाव का समय है, यह आम चुनाव का समय है।’’ ‘ब्लैकपूल साउथ’ में लेबर ‘उम्मीदवार’ क्रिस वेब ने ‘कंजर्वेटिव पार्टी’ के डेविड जोन्स को हराया। ‘कंजर्वेटिव पार्टी’ के करीब 26 प्रतिशत वोट ‘लेबर पार्टी’ के समर्थन में गए हैं।
40 साल में सबसे खराब रहा पार्टी का प्रदर्शन
चुनाव संबंधी सर्वेक्षण के लिए जाने जाने वाले प्रोफेसर जॉन कर्टिस ने ‘बीबीसी’ से कहा कि यह स्थानीय चुनावों में ‘कंजर्वेटिव पार्टी’ के पिछले 40 साल में सबसे खराब प्रदर्शनों में से एक है। इस उपचुनाव के साथ इंग्लैंड और वेल्स में स्थानीय चुनाव भी हुए। चुनाव परिणाम के सप्ताहांत तक आने और रविवार तक तस्वीर साफ हो जाने की उम्मीद है, लेकिन शुरुआती संकेतों के अनुसार, क्षेत्र में कई स्थानीय चुनावों में ‘लेबर पार्टी’ ने अच्छा प्रदर्शन किया है। मेयर पद पर चुनाव के अधिकतर नतीजे सप्ताहांत में आने की उम्मीद है। लंदन के मेयर और लेबर पार्टी के नेता सादिक खान तीसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुने जाने की उम्मीद कर रहे हैं। उनके सामने ब्रितानी भारतीय व्यवसायी तरुण गुलाटी की चुनौती है। (भाषा)
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