PM Narendra Modi Ukraine Train Journey: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोलैंड में आज दूसरा दिन है। पोलैंड दौरे के बाद पीएम मोदी यूक्रेन जाएंगे। 30 वर्षों में यह किसी भारतीय पीएम की पहली यूक्रेन यात्रा होगी। पीएम मोदी यूक्रेन की राजधानी कीव में सात घंटे बिताएंगे। पीएम मोदी की यह यात्रा इसलिए भी खास है, क्योंकि इसमें वो 10 घंटों की ट्रेन यात्रा करने वाले हैं। पीएम मोदी 'रेल फोर्स वन' में सफर करेंगे। पीएम मोदी ट्रेन में क्यों सफर करेंगे इस सवाल का जवाब यह है कि रूस के साथ यूक्रेन का युद्ध जारी है। ड्रोन हमले हो रहे हैं, मिसाइलें दागी जा रही हैं, ऐसे में यूक्रेन का एयरस्पेस सुरक्षित नहीं है। सुरक्षा के लिहाज से किसी भी वर्ल्ड लीडर का प्लेन से सफर करना अनसेफ हो सकता है, ऐसे में पीएम मोदी ट्रेन से यूक्रेन जा रहे हैं।
दुनिया के कई बड़े नेता कर चुके हैं सफर
पीएम मोदी जिस ट्रेन से यूक्रेन जा रहे हैं वह कोई साधारण ट्रेन नहीं है। यह विशेष रूप से डिजाइन की गई लग्जरी ट्रेन है। यह ट्रेन अपने आप में बेहद खास है। पीएम मोदी से पहले दुनिया के कई बड़े नेता इस ट्रेन में सफर कर चुके हैं। जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से लेकर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों और जर्मनी के चांसलर ओल्फ स्कॉल्ज का नाम शामिल है।
ऐसे हुई ट्रेन की शुरुआत
रेल फोर्स वन ट्रेन को साल 2014 में शुरू किया गया था। इस ट्रेन के जरिए लोग क्रीमिया जाया करते थे। यह लग्जरी पैसेंजर ट्रेन थी जो हर तरह की सुविधाओं से लैस थी। लेकिन फिर रूस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए क्रीमिया पर अपना कब्जा जमा लिया और तब से ही इस ट्रेन का उद्देश्य पूरी तरह बदल गया। अब वर्ल्ड लीडर्स को यूक्रेन ले जाने के लिए इस ट्रेन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है।
इस वजह से बेहद खास है ट्रेन
ट्रेन के कैबिन एक विशेष प्रकार की लकड़ी से बनाए गए हैं।
बैठकों के लिए बड़ी टेबलों और सोफों का इंतजाम किया गया है।
मनोरंजन के लिए टीवी और आराम करने के लिए ट्रेन में कंफर्टेबल बिस्तर है।
ट्रेन में इलेक्ट्रिक नहीं डीजल इंजन लगा है। इसकी वजह है कि हमलों में पावर ग्रिड के प्रभावित होने के बावजूद ट्रेन सामान्य रूप से ऑपरेट होती रहे।
60 किलोमीटर प्रति घंटे ट्रेन की रफ्तार है। इस ट्रेन को ट्रैक नहीं किया जा सकता है।
ट्रेन में बख्तरबंद खिड़कियां लगी हैं जिनसे उच्च स्तर की सुरक्षा मिलती है ।
यूक्रेन का रेल नेटवर्क
यूक्रेन के रेल नेटवर्क की बात करें तो यह 25,000 किलोमीटर तक फैला है, जो दुनिया के सबसे विशाल रेल नेटवर्क में से एक है। सोवियत समय में यह रेल नेटवर्क बनाया गया था। यह मोल्दोवा, पोलैंड और रोमानिया जैसे पड़ोसी देशों से जुड़ा हुआ है।
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