प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को अपने ब्रितानी समकक्ष ऋषि सुनक के साथ टेलीफोन पर बात की और ब्रिटेन में भारतीय राजनयिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आह्वान किया। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने कई द्विपक्षीय मुद्दों, विशेष रूप से व्यापार और आर्थिक क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा की। पीएमओ के मुताबिक दोनों नेताओं ने भारत-ब्रिटेन रोडमैप 2030 के हिस्से के रूप में कई द्विपक्षीय मुद्दों पर प्रगति की भी समीक्षा की।
बयान के अनुसार, "मोदी ने ब्रिटेन में भारतीय राजनयिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया और ब्रिटेन सरकार द्वारा भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आह्वान किया।" पीएमओ के मुताबिक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि ब्रिटेन भारतीय उच्चायोग पर हमले को पूरी तरह अस्वीकार्य मानता है और उसने भारतीय मिशन और उसके कर्मियों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है। बातचीत के दौरान मोदी ने ब्रिटेन में शरण लेने वाले आर्थिक अपराधियों का मुद्दा भी उठाया। उल्लेखनीय है कि भारत ब्रिटेन से उद्योगपति विजय माल्या और भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का प्रयास कर रहा है।
माल्या और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर भी बात
माल्या 2016 में ब्रिटेन भाग गया था और वह भारत में 9,000 करोड़ रुपये के ऋण चूक के मामले में वांछित है। नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक से करीब दो अरब डॉलर के ऋण घोटाला मामले में आरोपों का सामना कर रहा है। बयान में कहा गया, "उन्होंने उन भारतीय भगोड़ों की वापसी पर प्रगति की मांग की ताकि वे भारतीय न्यायिक प्रणाली के समक्ष पेश हो सकें।" पीएमओ के मुताबिक दोनों नेताओं ने देशों के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी मुक्त व्यापार समझौते को जल्द पूरा करने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की। मोदी ने सितंबर 2023 में होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन के लिए सुनक को आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री सुनक ने जी-20 की भारत की अध्यक्षता में हुई प्रगति की सराहना की और इसकी सफलता के लिए ब्रिटेन के पूर्ण समर्थन को दोहराया। प्रधानमंत्री मोदी ने बैसाखी की पूर्व संध्या पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सुनक और भारतीय समुदाय को बधाई दी और साथ ही दोनों नेता संपर्क में बने रहने पर सहमत हुए।