मॉस्कोः रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को फिर एक बड़ी नसीहत दे डाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन से कहा कि "जब युद्ध में निर्दोष बच्चों की मौत होती है तो दिल दहल जाता है।" पीएम मोदी ने मॉस्को में यह बयान ऐसे वक्त में दिया जब उनके रूस दौरे के दौरान ही यूक्रेन में शिशुओं के एक अस्पताल पर किए गए रूसी सेना के हमले में दर्जनों निर्दोष बच्चे मारे गए। पीएम मोदी के इस बयान को रूस के राष्ट्रपति पुतिन के लिए बड़े संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। भारतीय प्रधानमंत्री के इस बयान ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। साथ ही दुनिया में युद्धों की त्रासदी में मानवों के साथ होने वाली ऐसी अमानवीय घटनाओं के प्रति गहरी संवेदनाओं को भी प्रकट किया है।
पीएम मोदी का यह संदेश सिर्फ रूस के लिए ही नहीं, बल्कि उन तमाम देशों के लिए बड़ी नसीहत के तौर पर है, जो युद्ध के दौरान बच्चों की जान लेने से भी जरा नहीं हिचक रहे। बता दें कि पीएम मोदी के रूस दौरे के दौरान ही कीव के शिशु अस्पताल पर घातक हमला हुआ था, जिसमें कई दर्जन बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस घटना के अगले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से कहाकि जब निर्दोष बच्चे मारे जाते हैं तो लोगों का "दिल फट जाता है"। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक स्पष्ट संदेश देते हुए मंगलवार को पुतिन से कहा कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्धक्षेत्र में संभव नहीं है और बम, बंदूकों तथा गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं होती।
बेगुनाह बच्चों की मौत हृदय विदारक
रूसी राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ में पुतिन के साथ शिखरवार्ता से पहले, अपने प्रारंभिक वक्तव्य में मोदी ने जाहिर तौर पर यूक्रेन में बच्चों के एक अस्पताल पर बम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि बेगुनाह बच्चों की मौत हृदय-विदारक और बहुत पीड़ादायी है।मोदी ने टेलीविजन पर प्रसारित अपने वक्तव्य में कहा, ‘‘युद्ध हो, संघर्ष हो या आतंकवादी हमले हों, अगर लोगों की जान जाती है तो मानवता में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति दुखी होता है। उस पर भी यदि बेगुनाह बच्चों की हत्या हो, जब हम निर्दोष बच्चों को मरते हुए देखते हैं तो यह हृदय-विदारक और बहुत पीड़ादायी होता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब हम ऐसा दर्द महसूस करते हैं तो कलेजा फट जाता है। मुझे कल आपके साथ इन मुद्दों पर बातचीत करने का अवसर मिला था।’’ मोदी ने सोमवार रात पुतिन के साथ निजी बैठक में हुई अपनी विस्तृत अनौपचारिक बातचीत का भी जिक्र किया और कहा कि संवाद ही समाधान का एकमात्र रास्ता है।
संवाद के माध्यम से खोजना होगा शांति का रास्ता
पीएम मोदी ने कहा-बम, बंदूकों और गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं होती। हमें संवाद के माध्यम से शांति का रास्ता खोजना होगा।’’विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि पीएम मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि युद्धक्षेत्र में संघर्ष का समाधान नहीं खोजा जा सकता और यह केवल संवाद तथा कूटनीति से ही संभव है। मोदी ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत जरूरी हरसंभव सहयोग, योगदान तथा समर्थन देने को तैयार है। प्रधानमंत्री ने वैश्विक समुदाय को आश्वासन दिया कि भारत शांति के पक्ष में है और संघर्ष का हल बातचीत से होना चाहिए। मोदी ने कहा, ‘‘शांति बहाली के लिए भारत हरसंभव तरीकों से सहयोग को तैयार है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस बात से संतुष्ट हैं कि पुतिन ने सोमवार को हुई बैठक में पूरी तरह खुलकर अपने विचार रखे और इससे कई ‘दिलचस्प विचार’ और ‘नई सोच’ सामने आईं।
पुतिन ने की मोदी की तारीफ
पुतिन ने अपने बयान में यूक्रेन संकट का हल निकालने के तरीके खोजने के लिए मोदी के प्रयासों की सराहना की। पुतिन ने कहा, ‘‘आप सबसे ज्वलंत मुद्दों पर जिस तरह ध्यान देते हैं, उसकी मैं सराहना करता हूं। इसमें मुख्य रूप से शांतिपूर्ण तरीकों से यूक्रेन संकट का समाधान निकालने के तरीके खोजने की दिशा में आपके प्रयास शामिल हैं।’’ पश्चिमी देशों की भी इस वार्ता पर नजर रही। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मोदी-पुतिन वार्ता से पहले वाशिंगटन में कहा, ‘‘हम भारत से आग्रह करेंगे, जैसा कि हम रूस से वार्ता करने वाले हर देश से करते हैं कि वह स्पष्ट करे कि यूक्रेन में संघर्ष का कोई भी समाधान ऐसा होना चाहिए जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करता हो, जो यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता एवं यूक्रेन की संप्रभुता का सम्मान करता हो।’ वहीं जेलेंस्की ने ऐसी परिस्थिति में पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के गले मिलने पर निराशा जाहिर की है।
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