(बोग्लार्का जेड गुल्यास, जिल एडमंडसन, यूनिवर्सिटी आफ शेफील्ड) शेफील्ड: जीवन यापन के बढ़ते खर्च से लोगों, विशेष रूप से कम आमदनी वाले, (जिनको अक्सर सही से खाना भी नसीब नहीं होता है), के लिए स्वस्थ आहार का खर्च उठा पाना मुश्किल होता जा रहा है। इसके बावजूद, ब्रिटेन में घरों में हर साल काफी बड़ी मात्रा में खाने की बर्बादी होती है। खाने की बर्बादी न केवल आपकी जेब पर भारी पड़ती है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है। वैश्विक स्तर पर, हर साल 1.3 अरब टन खाना बर्बाद हो जाता है, जिससे दुनिया के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का लगभग 8 प्रतिशत उत्पन्न होता है।
‘खुद फसल उगाने वाले कम खाना बर्बाद करते हैं’
ग्रीनहाउस गैसों का ये उत्सर्जन खाद्य आपूर्ति श्रृंखला के सभी चरणों में बर्बाद हो रहे खाने से पैदा होता है। हमारी हालिया स्टडी से हालांकि पता चला है कि जो लोग बगीचों और आवंटित जमीनों में फसल और सब्जियां खुद उगाते हैं, वे साल में औसतन सिर्फ 3.4 किलोग्राम फल और सब्जियां बर्बाद करते हैं, जो कि ब्रिटेन के औसत से 95 प्रतिशत कम है। इन परिवारों ने भोजन की बर्बादी को कम करने के लिए विभिन्न प्रथाओं को अपनाया, जिसमें अपनी अतिरिक्त उपज को संरक्षित करना या किसी अन्य को दे देना भी शामिल है। बता दें कि आम ब्रिटिश परिवारों में हर साल लगभग 68 किलोग्राम फल और सब्जियां बर्बाद हो जाती हैं।
ब्रिटेन के विभिन्न इलाकों में किया गया रिसर्च
हाल के वर्षों में ब्रिटेन और अन्य जगहों पर बगीचों, कम्युनिटी गार्डेन और आवंटित जमीन पर ताजा फसल एवं सब्जियां उगाने में दिलचस्पी फिर से बढ़ी है। हालांकि आवंटित जमीन से होने वाली सप्लाई बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। घरेलू फल और सब्जी उगाने के लिए अधिक भूमि आवंटित होने से शहरी निवासियों के लिए ताजा उपज की उपलब्धता में महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। रिसर्च से पता चला है कि शेफील्ड में खेती के लिए उपलब्ध जगह का केवल 10 फीसदी इस्तेमाल करने से शहर की 15 प्रतिशत आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त फल एवं सब्जियों की सप्लाई की जा सकती है।
रिसर्च में 197 परिवारों को शामिल किया गया
रिसर्च में सामने आया है कि ज्यादा लोगों द्वारा अपना खाना खुद उगाने से बर्बादी भी कम हो सकती है। स्टडी में ब्रिटेन के 197 परिवारों को शामिल किया गया था जो अपनी फल एवं सब्जियां खुद उगाते हैं। हमने उनसे एक फूड डायरी बनाए रखने के लिए कहा था, जहां उन्होंने हर हफ्ते आने वाले फल और सब्जियों की मात्रा दर्ज की। हमें 85 अलग-अलग घरों से पूरे रिकॉर्ड मिले। उन्होंने यह दर्ज किया कि प्रत्येक वस्तु में से कौन सी चीज की खेती उनके बगीचे या आवंटित भूमि पर की गई, दुकानों या बाजारों से खरीदी गई, अन्य उत्पादकों से प्राप्त की गई, या जंगल से प्राप्त किया गया।
सबसे ज्यादा खाना बर्बाद करते हैं ये लोग
परिवारों ने यह भी दर्ज किया कि उन्होंने अपने परिवार और मित्रों को अपनी फसल में से क्या दिया और कितनी मात्रा में उन्हें बाहर फेंकना पड़ा। हमारे निष्कर्षों से पता चला कि जो व्यक्ति अपने खाने की चीजें स्वयं उगाते हैं, वे ब्रिटेन में औसत व्यक्ति की तुलना में खाने की कम बर्बादी करते हैं। ऐसा शायद इसलिए क्योंकि वे अपने द्वारा उगाई गई उपज को अधिक महत्व देते हैं। इससे मिले नतीजे जर्मनी और इटली में किए गए पहले के रिसर्ट से मेल खाते हैं। इस स्टडी में पाया गया कि सुपरमार्केट से चीजें खरीदने वाले सबसे ज्यादा खाना बर्बाद करते हैं।
सावधानी बरतने से कम हो सकता है नुकसान
छोटी दुकानों से सामान खरीदने वालों ने कम खाना बर्बाद किया, जबकि खाने की चीजें खुद उगाने वालों ने सबसे कम खाना बर्बाद किया। चाहे आप खाने की चीजें खुद उगाएं या नहीं, हर कोई खाने की चीजें खरीदते या उगाते समय सावधानी बरत सकता है। पहले से प्लानिंग करके और अतिरिक्त खाने को बर्बाद होने से बचाने के लिए उसे फ्रीज करके रखने पर काफी खाना बचाया जा सकता है। हालांकि तमाम कोशिशें करने पर भी थोड़ा बहुत खाना बर्बाद होता ही है, लेकिन उसकी मात्रा को कम किया जा सकता है। (द कन्वरसेशन)