उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच तनाव चरम पर जा पहुंचा है। अमेरिका को जवाब देने के लिए उत्तर कोरिया लगातार परमाणु हथियारों का जखीरा जुटा रहा है। वहीं अमेरिका के दो दूसरे बड़े दुश्मन चीन और रूस उत्तर कोरिया को शह देने का काम कर रहे हैं। उत्तर कोरिया के विनाशक हथियारों के बढ़ते भंडार से अमेरिका चिंतित हो उठा है, लिहाजा अब पेंटागन इन विनाशक हथियारों के सर्वनाश का प्लान बना रहा है। पेंटागन की रिपोर्ट जारी होते ही किम जोंग उन और अधिक बौखला गए हैं। किम जोंग ने अमेरिका को धमकी भरे लहजे में कह दिया है कि उसकी हर कार्रवाई का मजबूती से जवाब दिया जाएगा।
बता दें कि उत्तर कोरिया ने पेंटागन की हाल में जारी हुई एक रिपोर्ट को लेकर अमेरिका की निंदा भी की है और कहा है कि वह ‘‘अपनी प्रभावी रणनीति’’ से अमेरिका की किसी भी आक्रामक कार्रवाई का करारा जवाब देगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया अपने विनाशकारी हथियारों के कारण ‘‘लगातार’’ खतरा बना हुआ है। पिछले सप्ताह अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने ‘‘विनाशकारी हथियारों से मुकाबले के लिए 2023 की रणनीति’’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें विनाशकारी हथियारों की चुनौतियों एवं इससे निपटने के तरीकों का वर्णन किया गया था।
चीन और रूस भी हैं खतरा
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और रूस ‘‘विनाशकारी हथियारों के मामले में प्रमुख चुनौतियां’’ हैं और उत्तर कोरिया, ईरान तथा हिंसक चरमपंथी संगठन ‘‘लगातार क्षेत्रीय खतरा’’ बने हुए हैं। उत्तर कोरिया के बारे में ऐसे अमेरिकी विवरण और उत्तर कोरिया की ऐसी आक्रामक प्रतिक्रिया असामान्य नहीं है, लेकिन दोनों देशों के बीच हालिया बयानबाजी ऐसे वक्त हुई है जब उत्तर कोरिया संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करते हुए रूस के साथ हथियार हस्तांतरण समझौते पर जोर दे रहा है, जिसे लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
अमेरिका से मुकाबले को तैयार उत्तर कोरिया
किम जोंग उन अपनी सेना को पहले से ही युद्ध के लिए तैयार रहने का निर्देश दे चुके हैं। इस क्रम में वह न्यूक्लियर हथियार और बैलिस्टिक मिसाइलों की खेप के साथ घातक परमाणु पनडुब्बियां और परमाणु बम वर्षक भी जुटा रहे हैं। सरकारी मीडिया में एक बयान के अनुसार उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अमेरिका ने विनाशकारी हथियारों की धमकी देकर (उत्तर कोरिया) और अन्य स्वतंत्र संप्रभु देशों की संप्रभुता और सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन करने और वैश्विक सैन्य आधिपत्य पर मजबूत पकड़ बनाने की अपनी क्रूर महत्वाकांक्षा का खुलासा किया है।’’ बयान में कहा गया है कि उत्तर कोरिया की सेना ‘‘अमेरिकी साम्राज्यवादी आक्रामक सैन्य रणनीति और उकसावे वाली कार्रवाई का प्रभावी रणनीति के साथ मुकाबला करेगी। (एपी)