ब्रिटेन में फिलिस्तीन समर्थक कार्यकर्ता ने यहूदी राज्य निर्माण पर जोर देने वाले राजनेता की ऐतिहासिक पेंटिंग को नष्ट कर दिया। इज़राइल विरोधी प्रदर्शनकारी ने ट्रिनिटी कॉलेज के अंदर लॉर्ड बालफोर की 1914 की ऐतिहासिक पेंटिंग पर पहले स्प्रे-पेंट लगाया और फिर उसे नुकीले हथियार से फाड़ दिया। पेंटिंग के शीशे भी तोड़ दिए। घटना शुक्रवार की बताई जा रही है। फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज में प्रवेश किया। इसके बाद ब्रिटिश कंजर्वेटिव राजनेता लॉर्ड आर्थर जेम्स बालफोर की 1914 की पेंटिंग को तोड़ कर नष्ट दिया।
पेंटिंग से बननाई गई लॉर्ड ऑर्थर की तस्वीर को लाल रंग से स्प्रे-पेंट करने के बाद उसके टुकड़े कर दिए। फिलिस्तीन एक्शन ने बाद में इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करते गर्व से घोषणा की कि उसके एक कार्यकर्ता ने यह काम किया है। एक्टिविस्ट समूह ने "1917 में बाल्फोर घोषणा जारी होने के बाद से फिलिस्तीनी लोगों के रक्तपात" के प्रतीक के रूप में फिलिप एलेक्सियस डी लास्ज़लो की लाल रंग वाली पेंटिंग को बर्बाद करने की मांग की। फ़िलिस्तीन एक्शन वेबसाइट ने फिर से बताया कि कैसे ब्रिटिश राजनेता ने 1917 के कुख्यात बाल्फ़ोर घोषणा का समर्थन किया, जिसमें अधिकांश स्वदेशी लोगों के यहूदी नहीं होने के बावजूद फ़िलिस्तीन में "यहूदी लोगों के लिए एक राष्ट्रीय घर" का वादा किया गया था।
फिलिस्थीन एक्शन ने कहा ऐसा अभियान आगे भी जारी रहेगा
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में इस तरह से उत्पात मचाने वाले फ़िलिस्तीनी नेता इस कदम की तुलना मूल आबादी के चल रहे "जातीय सफाये" के लिए ज़मीन तैयार करने से करते हैं। यह कदम इजरायल के सबसे बड़े हथियार आपूर्तिकर्ता एल्बिट सिस्टम्स के खिलाफ प्रत्यक्ष विरोध के रूप में उठाया गया, जो गाजा में फिलिस्तीनियों को अपने हथियार विकसित करने के लिए श्रमिक के रूप में बंदी बनाकर रखता है। वेबसाइट संपादक का नोट इस संदेश के साथ समाप्त होता है, "फिलिस्तीन एक्शन अपना प्रत्यक्ष अभियान तब तक जारी रखने का संकल्प लेता है जब तक कि एल्बिट बंद नहीं हो जाता और फिलिस्तीन के उपनिवेशीकरण में ब्रिटिश मिलीभगत समाप्त नहीं हो जाती।"
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