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Pakistan Swat: पाकिस्तान के स्वात में चल रहे इस खेल से दुनिया अंजान... सरकार और सेना के खिलाफ लाखों लोगों ने खोला मोर्चा

Pakistan Swat: पाकिस्तान का स्वात जिला दुनिया भर में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है। लेकिन यहीं के लोग स्थानीय तालिबान टीटीपी के अलावा सरकार और सेना से भी परेशान हैं।

Written By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Published : Oct 20, 2022 11:40 IST, Updated : Oct 20, 2022 13:28 IST
Pakistan Swat Protests-TTP
Image Source : TWITTER Pakistan Swat Protests-TTP

Highlights

  • पाकिस्तान के स्वात में प्रदर्शन
  • सरकार के खिलाफ उतरे लोग
  • आतंकियों से वार्ता कर रहा प्रशासन

Pakistan Swat: पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी जिले स्वात में सरकार के खिलाफ लाखों की तादाद में लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं। यहां के लोग सरकार और तालिबान से काफी परेशान हैं। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत का स्वात जिला अपनी हरी-भरी घाटियों और बर्फ से ढके पहाड़ों के कारण ‘पाकिस्तान का स्विट्जरलैंड’ के रूप में जाना जाता है। साल 2007 से 2009 से चरमपंथियों को पराजित और बेदखल किए जाने तक यह आतंकवाद के भीषण दौर से गुजरा। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई पर 2012 में स्वात में आतंकवादियों ने हमला किया था।

स्वात एक वक्त पर तालिबान के नियंत्रण में था। इस दौरान महिलाओं की शिक्षा पर रोक सहित अन्य प्रतिबंध भी यहां लगाए गए थे। यहां जिस तालिबान की बात हो रही है, वो अफगानिस्तान वाले तालिबान से सीधे तौर पर नहीं जुड़ा है। बल्कि पाकिस्तान का लोकल तालिबान है, जिसकी विचारधारा बिलकुल अफगानिस्तान के तालिबान जैसी है। स्वात घाटी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का गढ़ है। आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि ये वही टीटीपी है, जिसने 2014 में पेशावर के एक सैन्य स्कूल पर हमला किया था। जिसमें 132 बच्चों की मौत हो गई थी। 

सरकार पर टीटीपी से बातचीत का आरोप

इलाके के पशतून राष्ट्रवादियों और अन्य राजनीतिक पार्टियों का पाकिस्तान सरकार पर आरोप है कि वह टीटीपी के साथ गुप्त रूप से बातचीत कर रही है। इन्हें डर है कि सरकार अगर आतंकियों से इसी तरह बातें करती रही, तो वो दिन दूर नहीं जब यहां एक बार फिर तालिबान का शासन लागू हो जाएगा। हालांकि सरकार ने क्षेत्र में टीटीपी की मौजूदगी को लेकर जताई जा रही चिंताओं को खारिज कर दिया है। स्वात इस वक्त इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि इसे लेकर देश के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को एक बयान जारी किया है। आसिफ ने देश के उत्तर-पश्चिमी जिले स्वात में आतंकवाद के खतरे पर चिंता जताते हुए चेतावनी दी कि इलाके में ‘आग’ मेरे सहित सभी तक पहुंच सकती है।

हालांकि, अधिकतर आतंकवादी हथियार डालने के बजाय अफगानिस्तान भाग गए। तालिबान के अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के बाद जिले में आतंकवादियों की वापसी की सूचनाएं मिली हैं। आतंकवादियों की वापसी को रोकने में सरकार की विफलता के खिलाफ स्वात के निवासी नियमित रूप से सड़कों पर उतर रहे हैं और अपना रोष व्यक्त कर रहे हैं। यह मुद्दा नेशनल असेंबली में तब गूंज उठा जब आसिफ ने स्वात में सुरक्षा की स्थिति और पूरे देश के लिए इसके गंभीर परिणामों के बारे में चिंता व्यक्त की। 

आग सभी तक पहुंच सकती है- ख्वाजा आसिफ

आसिफ ने कहा, ‘स्वात में करीब 12 साल बाद यही प्रक्रिया शुरू हुई है। वहां (आतंकवाद की) आग मेरे सहित सभी तक पहुंच सकती है। स्वात के लोग एक साथ आए हैं। हमें मुद्दों को सुलझाने के लिए एक साथ बैठना चाहिए।’ आसिफ ने आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने के उपायों के लिए आग्रह किया, जबकि स्वात के लोगों की प्रशंसा की, जो बिना किसी भेदभाव या राजनीतिक मतभेदों के चरमपंथियों के खिलाफ एकजुट हुए हैं। जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने ‘धर्म के पीछे अपने नापाक मंसूबों को छिपाने’ और खतरा पैदा करने के लिए हिंसा में संलिप्त तत्वों पर हमला किया। उन्होंने कहा, ‘माफ करें, यह केवल सत्ता की लड़ाई है। यह धर्म की लड़ाई नहीं है, और (आपको) इसे कहने की हिम्मत होनी चाहिए।’ 

उन्होंने स्वात की स्थिति की तुलना पड़ोसी अफगानिस्तान में 20 साल के लंबे युद्ध की समाप्ति से पहले से की। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान में जो हो रहा है, वह उग्रवाद नहीं आतंकवाद है।’ उन्होंने मांग की कि आतंकवाद के खिलाफ ‘अभियान की प्रगति पर सभी को विश्वास में लिया जाना चाहिए’ क्योंकि पाकिस्तान ने अतीत में आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई के लिए एक बड़ी कीमत चुकाई है।

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