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Pakistan Grey List: क्या 'ग्रे लिस्ट' से बाहर होगा पाकिस्तान? FATF की बैठक में इस हफ्ते होगा फैसला

Pakistan Grey List: पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर हो सकता है। इस हफ्ते एफएटीएफ की बैठक होने वाली है। जिसमें पाकिस्तान का दौरा करने वाले प्रतिनिधिमंडल द्वारा तैयार रिपोर्ट को पेश किया जाएगा।

Written By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Published : Oct 19, 2022 11:15 IST, Updated : Oct 19, 2022 11:27 IST
Pakistan FATF Grey List
Image Source : @FATFNEWS Pakistan FATF Grey List

Highlights

  • पैरिस में होगी एफएटीएफ की बैठक
  • पाकिस्तान को लेकर होगा फैसला
  • 2018 से ग्रे लिस्ट में है पड़ोसी मुल्क

Pakistan Grey List: आतंक के वित्तपोषण की निगरानी करने वाली पैरिस स्थित संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) इस हफ्ते होने वाली बैठक में ये फैसला करेगी कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर किया जाएगा या नहीं। आतंक के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम लगाने में विफल रहने के चलते  पाकिस्तान को इस लिस्ट में जून 2018 में शामिल किया गया था। संस्था की जून में हुई बैठक में कहा गया था कि पाकिस्तान ने दो एक्शन प्लान के सभी 34 पॉइंट पर बड़े पैमाने पर काम किया है। ऐसे में अब पाकिस्तान को इस बात की उम्मीद है कि वह ग्रे लिस्ट से बाहर हो सकता है।

 
पहली बार सिंगापुर के टी राजा कुमार की अध्यक्षता में बैठक होने वाली है। इसका आयोजन 20-21 अक्टूबर को होगा। टी राजा ने जून में ही जर्मनी के मारकस प्लीयर की जगह ली है। बैठक में पाकिस्तान सहित उन देशों से जुड़े मामलों की समीक्षा होगी जिनपर निगरानी बढ़ा दी गई है या जो ग्रे लिस्ट में हैं। एफएटीएफ के वैश्विक नेटवर्क और पर्यवेक्षक संगठनों के 206 सदस्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधि, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक, इंटरपोल और वित्तीय खुफिया इकाइयों के एग्मोंट समूह शामिल हैं, पेरिस में कार्य समूह और पूर्ण बैठक में भाग लेंगे।

2008 में सौंपा गया एक्शन प्लान

पाकिस्तान को शुरुआत में 2018 में एफएटीएफ की तरफ से 27 पॉइंट का एक्शन प्लान दिया गया था। ताकि आतंक के वित्तपोषण को खत्म किया जा सके। इसके साथ ही बीते साल मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम लगाने के लिए 7 पॉइंट का एक्शन प्लान दिया गया था। 

एफएटीएफ और उसके क्षेत्रीय सहयोगी, एशिया पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) के एक 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने 29 अगस्त से 2 सितंबर तक पाकिस्तान का दौरा किया था, ताकि आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने और इसमें शामिल लोगों पर मुकदमा चलाने के अपने प्रयासों का जमीनी स्तर पर आकलन किया जा सके। जिनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाना है, उनमें लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूहों के सदस्य शामिल हैं।

साजिद मीर को सुनाई गई सजा

इस प्रतिनिधिमंडल ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसे बैठक में पेश किया जाएगा। जून में एफएटीएप की अंतिम पूर्ण बैठक से कुछ दिन पहले पाकिस्तानी आतंकवाद रोधी अदालत ने लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य साजिद मीर को आतंकी वित्तपोषण के आरोप में दोषी ठहराया और सजा सुनाई थी। मीर ने 2008 के मुंबई हमलों की योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, इससे पहले उसे मृत माना जा रहा था। 

पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा उठाए गए इस तरह के कदमों के बावजूद, मामले से परिचित लोगों ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित समूहों के अन्य आतंकियों, जैसे कि जेईएम प्रमुख मसूद अजहर पर मुकदमा चलाने में विफलता रही है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने हाल के हफ्तों में तर्क दिया है कि अजहर अफगानिस्तान में है। जबकि पाकिस्तान के इस दावे को काबुल में तालिबान की सरकार ने खारिज कर दिया है।

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