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मर्केल की विदाई के साथ ही एक युग का अंत, शोल्ज बुधवार को संभाल सकते हैं कार्यभार

मर्केल ने अपने कार्यकाल में 4 अमेरिकी राष्ट्रपतियों, 4 फ्रांसीसी राष्ट्रपतियों, 5 ब्रिटिश प्रधानमंत्रियों और 8 इतालवी प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 07, 2021 16:49 IST
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Image Source : AP एंजेला मर्केल जर्मनी की चांसलर बनने वाली पहली महिला थीं।

Highlights

  • एंजेला मर्केल, 22 नवंबर 2005 को जर्मनी की चांसलर बनने वाली पहली महिला थीं।
  • 16 साल के कार्यकाल में मर्केल ने विदेशों में सराहना और देश में काफी लोकप्रियता हासिल की।
  • मर्केल के उत्तराधिकारी ओलाफ शोल्ज के बुधवार को पदभार ग्रहण करने की उम्मीद है।

बर्लिन: जर्मनी की निवर्तमान चांसलर एंजेला मर्केल भले ही सत्ता से दूर होने वाली हैं, लेकिन 16 साल के अपने कार्यकाल में उन्होंने इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया है। मर्केल, 22 नवंबर 2005 को जर्मनी की चांसलर बनने वाली पहली महिला थीं। अपने रेकॉर्ड कार्यकाल में मर्केल (67) ने विदेशों में सराहना और देश में काफी लोकप्रियता हासिल की। उनके नामित उत्तराधिकारी ओलाफ शोल्ज के बुधवार को पदभार ग्रहण करने की उम्मीद है। शोल्ज निवर्तमान वित्त मंत्री एवं वाइस चांसलर हैं।

कोहल के रिकॉर्ड को नहीं तोड़ेंगी मर्केल

पूर्व वैज्ञानिक मार्केल कम्युनिस्ट विचारधारा वाले पूर्वी जर्मनी में पली-बढ़ीं। सबसे अधिक समय तक पद पर बने रहने के अपने संरक्षक, हेल्मुट कोहल के रिकॉर्ड को वह नहीं तोड़ेंगी, क्योंकि वह उनके रिकॉर्ड समय से करीब एक सप्ताह पहले ही पद छोड़ देंगी। कोहल ने 1982-1998 के अपने कार्यकाल के दौरान जर्मनी को फिर से जोड़ा था। मर्केल ने अपने कार्यकाल में 4 अमेरिकी राष्ट्रपतियों, 4 फ्रांसीसी राष्ट्रपतियों, 5 ब्रिटिश प्रधानमंत्रियों और 8 इतालवी प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया।

मर्केल ने किया कई चुनौतियों का सामना
अपने कार्यकाल में मार्केल ने 4 प्रमुख चुनौतियों, वैश्विक वित्तीय संकट, यूरोप का ऋण संकट, 2015-16 में यूरोप में शरणार्थियों की आमद और कोविड-19 वैश्विक महामारी का सामना किया। जर्मनी में कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते जर्मनी में एक लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, क्रीमिया पर कब्जा करने और पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादियों के समर्थन पर रूस के खिलाफ यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के पीछे मर्केल का बहुत बड़ा योगदान था। साथ ही उन्होंने वहां एक राजनयिक समाधान लाने के लिए कई प्रयासों का नेतृत्व भी किया।

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