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अब ब्रिटेन में खदेड़ कर मारे जाएंगे खालिस्तानी, भारत की चिंताओं के बाद यूके ने उठाया ये कदम

भारत और ब्रिटने के बीच दोस्ती लगातार गहराती जा रही है। ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में काफी मधुरता आई है। ब्रिटेन ने अब भारत की चिंताओं की कद्र करते हुए खालिस्तानी चरमपंथियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का भरोसा दिया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Aug 11, 2023 16:55 IST, Updated : Aug 11, 2023 17:09 IST
खालिस्तानी।
Image Source : AP खालिस्तानी।

भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले खालिस्तानी चरमपंथियों की अब ब्रिटेन में खैर नहीं होगी। खालिस्तानी चरमपंथियों ने ब्रिटेन में भारतीय दूतावास को कई बार निशाना बनाया है। इसके साथ ही अक्सर विरोध प्रदर्शन और अन्य तरह की साजिशें करते रहते हैं। मगर अब ऐसा करने वाले खालिस्तानी चरमपंथी ब्रिटेन सरकार के निशाने पर आ गए हैं। भारत की चिंताओं के मद्देनजर इन्हें नियंत्रित करने के लिए ब्रिटेन की सरकार ने एक अलग कोष को गठन किया है।

ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री टॉम टुगेंडहाट ने ‘खालिस्तान समर्थक चरमपंथ’ से निपटने के वास्ते अपने देश की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 95000 पाउंड (करीब एक करोड़ रुपये) के नए कोष का ऐलान किया है। ब्रिटिश उच्चायोग ने टुगेंडहाट की भारत की तीन दिवसीय यात्रा के मौके पर एक बयान में यह जानकारी दी है। उनकी यात्रा बृहस्पतिवार से शुरू हुई है। ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों में बढ़ोतरी को लेकर भारत में बढ़ती चिंताओं के बीच नए कोष का ऐलान किया गया है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ टुगेंडहाट ने की बैठक

टुगेंडहाट सुरक्षा संबंधी पहलों पर द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने और जी20 की भ्रष्टाचार रोधी मंत्रीस्तरीय बैठक में शामिल होने के लिए भारत आए हैं। उच्चायोग ने कहा, “ बृहस्पतिवार को नई दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ एक बैठक के दौरान, टुगेंडहाट ने खालिस्तान समर्थक चरमपंथ से निपटने के लिए ब्रिटेन की क्षमता बढ़ाने के वास्ते नए कोष की घोषणा की।” इसमें कहा गया है कि 95,000 पाउंड का निवेश "खालिस्तान समर्थक चरमपंथ" से उत्पन्न खतरे के बारे में सरकार की समझ को बढ़ाएगा और संयुक्त चरमपंथ कार्यबल के माध्यम से ब्रिटेन और भारत के बीच पहले से जारी संयुक्त कार्य को अनुकूल बनाएगा जो सराहनीय है। टुगेंडहाट ने कहा, “ भारत और ब्रिटेन के बीच जीवंत सेतु हमारी गहरी और स्थायी दोस्ती को दर्शाता है।

भारत और ब्रिटेन के रिश्ते हुए और अधिक मजबूत

दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, हमारे पास दुनिया को एक सुरक्षित और अधिक समृद्ध स्थान बनाने के लिए कई साझा अवसर हैं।” उन्होंने कहा, “ हमारे दोनों देशों के बीच गहरी साझेदारी का मतलब है कि हम उन सुरक्षा खतरों से अधिक प्रभावी ढंग से निपट सकते हैं जिनका हम दोनों सामना कर रहे हैं। मैं हर तरह के चरमपंथ के खिलाफ हमारी समझ और क्षमताओं को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।” मंत्री ने कहा कि उन्हें भारत की अध्यक्षता में भ्रष्टाचार रोधी जी-20 बैठक में शामिल होकर खुशी हो रही है। उन्होंने कहा, “ भ्रष्टाचार हमारी समृद्धि को , हमारे समाज को नुकसान पहुंचाता है और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालता है।

” शनिवार को होने वाली जी20 बैठक के लिए कोलकाता जाने से पहले, टुगेंडहाट का केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के मुख्यालय का दौरा करने का कार्यक्रम है जहां वह बाल यौन शोषण और उत्पीड़न तथा धोखाधड़ी से उत्पन्न संयुक्त चुनौतियों पर चर्चा करेंगे। उच्चायोग ने कहा कि टुगेंडहाट राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात करेंगे। (भाषा)

 

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