Ukraine and NATO: 'नाटो' की बैठक में भले ही यूक्रेन को और अधिक सहायता देने की बात कही गई हो, लेकिन फिर भी यूक्रेन के लिए 'नाटो' का सदस्य बनने की राह आसान नहीं है। 'नाटो' संगठन के देशों का सम्मेलन लिथुआनिया में हुआ। लेकिन यहां यूक्रेन के राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किए जाने पर जेलेंस्की का दर्द भी छलका। इसी बीच यूक्रेन के साथ संबंधों को नया आयाम देने के लिए एक नया मंच स्थापित करने के उद्देश्य से बुधवार को अमेरिका और नाटो संगठन के दूसरे देश एकत्र हुए और बैठक आयोजित की।
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के नेता यूक्रेन के साथ संबंधों के लिए एक सांकेतिक नया मंच स्थापित करने के उद्देश्य से बुधवार को एकत्र हुए। उन्होंने रूस का मुकाबला करने के लिए यूक्रेन को अधिक सैन्य सहायता उपलब्ध कराने का वादा करने के बाद यह कदम उठाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके नाटो के समकक्षों ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ नव नाटो-यूक्रेन परिषद में बैठक की। यह एक स्थायी इकाई है जहां 31 सहयोगी देश और यूक्रेन विचार-विमर्श कर सकते हैं और आपात स्थिति में बैठकें कर सकते हैं।
'नाटो' ने यूक्रेन के लिए निकाला यह रास्ता
यूक्रेन को सैन्य गठबंधन में शामिल किये बगैर इसके करीब लाने की नाटो की कोशिश के तहत यह व्यवस्था की गई है। मंगलवार को नेताओं ने शिखर सम्मेलन के निष्कर्षों पर अपने बयान में कहा कि जब सहयोगी देश राजी हो जाएंगे और शर्तें पूरी की जाएंगी तब यूक्रेन को (नाटो में) शामिल किया जा सकता है।
जेलेंस्की से मिले नाटो महासचिव
नाटो महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने बुधवार को जेलेंस्की के साथ संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘आज हमने बराबरी के स्तर पर बैठक की। मैं उस दिन को लेकर आशावादी हूं जब हम सहयोगी के तौर पर बैठक करेंगे।’ जेलेंस्की ने कहा, ‘शिखर सम्मेलन के नतीजे अच्छे हैं, लेकिन यदि न्योता मिलता है तो यह एक आदर्श स्थिति होगी।’
निराशा के बावजूद बैठक में शामिल हुए जेलेंस्की
अपनी निराशा के बावजूद यूक्रेनी नेता मंगलवार की तुलना में बुधवार को अधिक आश्वस्त नजर आये, जब उन्होंने सदस्यता की समय सीमा तय नहीं किये जाने की आलोचना की थी। उन्होंने कहा, ‘नाटो को हमारी उसी तरह से जरूरत है जैसे हमें नाटो की है।’ बेल्जियम के प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर डी क्रू ने बुधवार को कहा, ‘हमें इस युद्ध से बाहर रहना होगा लेकिन यूक्रेन को सहयोग करने में सक्षम रहेंगे।’