रूस-यूक्रेन युद्ध के 22 महीने बीत जाने के बाद उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) चीफ ने बड़ा दावा करके दुनिया भर में खलबली मचा दी है। अब तक रूस को चेतावनी और धमकियां देने वाले और उसे हराने का सपना देखने वाले नाटो देशों के चीफ ने बेहद हैरानी भरा बयान दिया है। नाटो चीफ जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा है कि नाटो संगठन के सभी देशों को यूक्रेन से बुरी खबर के लिए तैयार रहना चाहिए। नाटो चीफ के इस बयान को दुनिया काफी गंभीरता से ले रही है। जेंस स्टोल्टेनबर्ग का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब अभी एक दिन पहले ही रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने सेना में 1 लाख 70 हजार अतिरिक्त सैनिकों की भर्ती का आदेश दिया है।
इनके शामिल होने के बाद रूसी सैनिकों की संख्या 22 लाख हो जाएगी। पुतिन ने सैनिकों की यह संख्या बढ़ाने के लिए मजबूर करने पर नाटो देशों को ही जिम्मेदार ठहराया था। अब स्टोल्टेनबर्ग ने एक विदेशी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा है कि हमें यूक्रेन से बुरी खबरों के लिए तैयार रहना चाहिए। नाटो महासचिव ने कहा कि मगर युद्ध चरणों में विकसित होते हैं। इसलिए हमें हर परिस्थिति में यूक्रेन का समर्थन करते रहना चाहिए।
यूक्रेन की बढ़ती मांग को पूरा करने में विफल रहा नाटो
स्टोल्टेनबर्ग ने इस बात को स्वीकार किया कि नाटो यूक्रेन की बढ़ती मांग को पूरा करने में असमर्थ रहा है। उन्होंने नाटों देशों को गोला-बारूद समेत अन्य हथियारों का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया। नाटो चीफ ने यूक्रेन को मौजूदा गंभीर स्थिति के मद्देनजर कीव के लिए विशिष्ट कार्रवाई का सुझाव देने से परहेज किया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय मैं ऐसी कठिन परिस्थिति में यूक्रेनी लोगों और उनकी सेना के कमांडरों पर छोड़ना चाहूंगा। स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि इस वक्त जिन मुद्दों पर हमें ध्यान देना चाहिए उनमें यूरोपीय रक्षा उद्योग का बिखंडन भी है। स्टोल्टेनबर्ग ने आखिर में कहा कि युद्ध अप्रत्याशित होते हैं।