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यूक्रेन के लिए लगातार घट रहा NATO देशों का समर्थन, जर्मनी ने कहा-"कीव नहीं है हमारा कोई सहोयगी"

रूस से जंग के 22 महीने बीत जाने के बाद नाटों देशों का समर्थन यूक्रेन के लिए घटने लगा है। अब नाटो और यूरोपीय देश यूक्रेन को हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में यूक्रेन की हार का खतरा बहुत बढ़ गया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Dec 06, 2023 18:31 IST, Updated : Dec 06, 2023 18:31 IST
यूक्रेन युद्ध। (फाइल)
Image Source : AP यूक्रेन युद्ध। (फाइल)

रूस-यूक्रेन युद्ध के 22 महीने बीत जाने के बाद कीव का संघर्ष कमजोर पड़ने लगा है। इसकी वजह है उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) देशों द्वारा लगातार कीव का समर्थन घट रहा है। ऐसे में यूक्रेन के पास जंग लड़ने के लिए हथियारों की भारी कमी हो गई है। यूक्रेन के राष्ट्रपति फिर अलग-अलग देशों में घूम-घूमकर समर्थन जुटा रहे हैं। मगर अपेक्षित सहयोग और जंग के लिए गोला-बारूद उन्हें नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में यूक्रेनी सैनिकों का हौसला टूटने लगा है और रूसी सेना लगातार हावी होती जा रही है। इस बीच जर्मनी पर यूक्रेन को जानबूझकर हथियार नहीं देने का आरोप भी लग रहा है। ताकि कीव रूस को बढ़त बनाने से रोकने में विफल हो जाए।

अपने ऊपर लग रहे इन आरोपों के जवाब में जर्मन रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस ने कहा कि  'कीव हमारा कोई सहयोगी नहीं है।' हालांकि उन्होंने कहा कि इसके बावजूद जर्मनी यूक्रेन की पूरी मदद कर रहा है। उसके ऊपर जानबूझकर हथियारों की आपूर्ति नहीं करने का आरोप गलत है। पिस्टोरियस ने कहा कि जर्मनी की तरह अन्य देशों का समर्थन भी यूक्रेन के लिए घटा है। अकेले जर्मनी इसमें शामिल नहीं है। तमाम नाटो देश यूक्रेन की मदद नहीं कर पा रहे हैं।

जर्मनी ने बताई यूक्रेन का समर्थन घटने की वजह

जर्मन रक्षा मंत्री ने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति पिछड़ने की वजह बताते हुए कहा कि यूरोपीय रक्षा उत्पादन बहुत मंद है। इसे बढ़ाना होगा। उन्होंने उन अटकलों को खारिज कर दिया कि जर्मनी कीव को युद्ध के मैदान में बड़ी बढ़त हासिल करने से रोकने के लिए सैन्य सहायता में देरी कर रहा है। बोरिस पिस्टोरियस ने एक साक्षात्कार में याद दिलाते कहा कि यूक्रेन जर्मनी का सहयोगी नहीं है। उन्होंने कहा, "फिलहाल हमारे सामने यह समस्या है कि हथियार उद्योग कुछ क्षेत्रों में जरूरत के मुताबिक तेजी से काम नहीं कर सकता है।" इसलिए इसमें गति लाने की जरूरत है। 

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