JUICE Mission: हमारी पृथ्वी से बाहर सौरमंडल के अन्य ग्रहों और उपग्रहों पर जीवन की संभावनाओं के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मंगल ग्रह और पृथ्वी के चंद्रमा के साथ ही अब बृहस्पति के चंद्रमाओं पर भी जीवन की खोज के लिए लगातार परीक्षण और तैयारियां की जा रही हैं। इसी कड़ी में यूरोपियन अंतरिक्ष एजेंसी आज ‘जूस‘ मिशन को लॉन्च करने जा रही हैै। ‘जूस‘ का अर्थ है ‘ज्यूपिटर आईसी मून्स एक्सप्लोरर‘।
हमारे सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति के तीनों चंद्रमाओं पर जीवन की खोज के लिए यूरोपियन अंतरिक्ष एजेंसी यानी ईएसए आज गुरुवार को ‘जूस‘ यानी ज्यूपिटर आईसी मून्स एक्सप्लोरर‘ मिशन लॉन्च करेगी। यूरोपियन अंतरिक्ष एजेंसी ‘ईएसए‘ एरियन स्पेस और एयरबस मिलकर फ्रेंच गुएना के कोराउ स्पोर्ट पोर्ट से एरियन-5 रॉकेट के जरिए इसे अंतरिक्ष में भेजेंगे। इस प्रोजेक्ट पर काफी लागत आएगी। जानकारी के अनुसार इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 14270 करोड़ रुपए बताई गई है। इसे भारतीय समयानुसार 13 अप्रैल को शाम करीब 5.45 बजे लॉन्च किया जाएगा। जूस स्पेसक्राफ्ट साल 2031 के जुलाई में बृहस्पति की कक्षा में प्रवेश करेगा।
‘जूस‘ से पहले ‘नासा‘ का रॉकेट पहुंचेगा
वैज्ञानिकों के मुताबिक, 5963 किलोग्राम वजनी ऑर्बिटर करीब आठ साल तक यात्रा करता रहेगा। हालांकि, जूस से पहले नासा का यूरोपा क्लिपर स्पेसक्राफ्ट पहुंच जाएगा। वह अप्रैल 2030 में बृहस्पति की कक्षा में होगा। क्योंकि नासा का यान शॉर्टकट से जा रहा है यानी छोटे रास्ते से। नासा का यान पृथ्वी और मंगल ग्रह के चक्कर लगाते हुए बृहस्पति पहुंचेगा। जबकि ‘जूस‘ धरती और शुक्र ग्रह के चक्कर लगाते हुए बृहस्पति की कक्षा में पहुंचेगा।
JUICE का काम होगा बृहस्पति ग्रह के बर्फीले चंद्रमाओं यानी गैनीमेडे (Ganymede), यूरोपा (Europa) और कैलिस्टो (Callisto) की जांच करेगा. यहां पर जमा बर्फीले समंदर की जांच करेगा. उनमें जीवन खोजेगा। कैलिस्टो के चारों तरफ 21 फ्लाईबाई करेगा। गैनीमेडे के चारों तरफ 12 बार चक्कर लगाएगा। यूरोपा के चारों तरफ दो बार चक्कर लगाएगा।