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रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर मास्को और वाशिंगटन में जबरदस्त ठनी, एक झटके में दोनों देशों ने राजनयिकों को किया बाहर

रूस-यूक्रेन युद्ध के करीब 20 महीने गुजरने के बाद वाशिंगटन और मास्को में तनाव चरम स्तर तक पहुंच गया है। हालत यह है कि रूस और अमेरिका ने एक दूसरे देशों के दो, दो राजनयिकों को अपने देश से बाहर निकाल दिया है। अमेरिका यूक्रेन की लगातार युद्ध में खुली मदद कर रहा है। वहीं रूस इसस मदद का विरोध करता आ रहा है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: October 07, 2023 13:27 IST
रूसी राष्ट्रपति पुतिन और अमेरिका के प्रेसिडेंट जो बाइडेन।- India TV Hindi
Image Source : AP रूसी राष्ट्रपति पुतिन और अमेरिका के प्रेसिडेंट जो बाइडेन।

रूस और अमेरिका एक बार फिर जबरदस्त तरीके से आमने-सामने हैं। दोनों देशों के बीच तनाव चरम सीमा को पार कर रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर पहले से ही दोनों देश एक दूसरे के खिलाफ एक्शन लेते आ रहे हैं। इस वक्त दोनों देशों के राजनयिक संबंध सबसे निचले स्तर पर चल रहे हैं। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने पिछले महीने मॉस्को से दो अमेरिकी राजनयिकों के निष्कासन के जवाब में शुक्रवार को वाशिंगटन से दो रूसी राजनयिकों को निष्कासित करने का आदेश दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि उसने रूस द्वारा अमेरिका के दो राजनयिकों को उस रूसी नागरिक के साथ संपर्क के कारण अवांछित व्यक्ति घोषित करने के जवाब में यह कदम उठाया है, जो रूस के सुदूर-पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक में बंद हो चुके अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के लिए काम करता था और जिसे इस साल गिरफ्तार कर लिया गया था।

मिलर ने एक बयान में कहा, ‘‘मंत्रालय रूस की सरकार द्वारा हमारे राजनयिकों के उत्पीड़न को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। मॉस्को में हमारे दूतावास कर्मियों के खिलाफ किसी भी अस्वीकार्य कार्रवाई के परिणाम होंगे।’’ अमेरिका ने रूसी राजनयिकों को निष्कासित करने का फैसला ऐसे समय में लिया है, जब यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को लेकर वाशिंगटन और मॉस्को में तनातनी बढ़ गई है और अमेरिका-रूस के बीच राजनयिक संबंध शीत युद्ध काल के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।

14 सितंबर को रूस ने दो अमेरिकी राजनयिकों को दिया था देश छोड़ने का आदेश

उल्लेखनीय है कि गत 14 सितंबर को रूस के विदेश मंत्रालय ने मॉस्को स्थित अमेरिकी दूतावास के प्रथम सचिव जेफरी सिलिन और द्वितीय सचिव डेविड बर्नस्टीन पर ‘अवैध गतिविधियों’ में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उन्हें सात दिन के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया था। मंत्रालय ने दावा किया था कि सिलिन और बर्नस्टीन वाणिज्य दूतावास के पूर्व कर्मचारी रॉबर्ट शोनोव के ‘संपर्क में’ थे, जिस पर अमेरिकी राजनयिकों के लिए यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई और उससे जुड़े अन्य मुद्दों की जानकारी जुटाने का आरोप है। रूस की संघीय सुरक्षा एजेंसी एफएसबी ने अगस्त में शोनोव की गिरफ्तारी की पुष्टि की थी। एफएसबी ने कहा था कि शोनोव पर ‘विशेष सैन्य अभियान, रूसी क्षेत्रों में लामबंदी प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी इकट्ठा की थी। (एपी) 

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