Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. यूरोप
  4. ज्यादा वेतन की मांग को लेकर 16 हजार से ज्यादा लोग सड़कों पर उतरे, जानें किस देश का है मामला

ज्यादा वेतन की मांग को लेकर 16 हजार से ज्यादा लोग सड़कों पर उतरे, जानें किस देश का है मामला

यूरोपीय देश बेल्जियम के ब्रसेल्स में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। इन लोगों ने सरकार से और अधिक वेतन की मांग की। इसका कारण यह है कि यहां ऊर्जा की लागत में काफी बढ़ोतरी हो गई है। इस कारण करीब 16,500 लोगों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया।

Edited By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Dec 17, 2022 13:14 IST, Updated : Dec 17, 2022 13:14 IST
ज्यादा वेतन की मांग को लेकर लोग सड़कों पर उतरे
Image Source : TWITTER FILE ज्यादा वेतन की मांग को लेकर लोग सड़कों पर उतरे

वेतन और अधिक बढ़ाने की मांग को लेकर हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और अधिक वेतन की मांग की है। यह मामला यूरोपीय देश बेल्जियम के ब्रसेल्स का है। यहां 

ऊर्जा की बढ़ती लागत से निपटने के लिए लोग ज्यादा सैलरी की मांग कर रहे हैं। 

16,500 लोग ऊर्जा की बढ़ती लागत से निपटने के लिए अधिक वेतन की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने 1996 के वेज मार्जिन एक्ट की भी निंदा की, जो अधिकतम औसत वेतन वृद्धि पर बातचीत करने के लिए एक सख्त प्रक्रिया स्थापित करता है। विरोध-प्रदर्शन के कारण शुक्रवार को बेल्जियम की राजधानी शहर का पूरा सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क बाधित हो गया।

प्रदर्शन का कुछ असर ब्रसेल्स एअरपोर्ट पर भी

ब्रसेल्स एयरपोर्ट पर भी प्रदर्शन का कुछ असर दिखाई दिया। हालांकि 60 फीसदी उड़ानें पहले ही रद्द कर दी गई थीं। बेल्जियम के जनरल लेबर फेडरेशन (एफजीटीबी) के अध्यक्ष थिएरी बोडसन ने कहा, हमें ऊर्जा की बढ़ती कीमतों को रोकना चाहिए न कि मजदूरी को। चूंकि यूरोप ऊर्जा की कीमतों को कम करने में सक्षम नहीं है, यह बेल्जियम के स्तर पर है कि वह इसे जल्दी, बहुत जल्दी कुछ उपाय करे।

उधर, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने बेल्जियम से कहा है कि 1996 का कानून बातचीत की स्वतंत्रता के विपरीत है। बोडसन ने कहा, पिछले दो वर्षों में, सामान्य ट्रेड यूनियन फ्रंट (सीएससी, एफजीटीबी, सीजीएसएलबी) सफलता के बिना इस कानून के खिलाफ लड़ रहा है।

सेक्टा (कर्मचारियों, तकनीशियनों और प्रबंधकों के संघ) के महासचिव मिशेल कैपोन के अनुसार, ऊर्जा की बढ़ती लागत से निपटने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपाय पर्याप्त नहीं हैं, क्योंकि उनमें समय सीमा काफी कम हैं। बोडसन ने कहा, मुझे लगता है कि सरकार को लंबे समय तक कड़े कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, हमारा दृढ़ संकल्प नहीं रुकेगा। 2023 में आगे की कार्रवाई की योजना के साथ लड़ाई जारी रहेगी।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Europe News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement