Highlights
- मई माह के बाद उन देशों में भी फैला, जहां इसका नामोनिशान नहीं थाः डब्ल्यूएचओ
- इसका प्रकोप पांच देशों में सबसे ज्यादा, सबसे ज्यादा चपेट में स्पेन के लोग
- अमेरिका में 2890 लोग इसकी चपेट में, जर्मनी में 2268, ब्रिटेन में 2208
Monkeypox News: मंकीपॉक्स की राजधानी दिल्ली में भी एंट्री हो गई है। मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया, स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी पुष्टि कर दी है। मंकीपॉक्स का यह रोगी एक 31 वर्षीय व्यक्ति है, जिसकी ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। इसे बुखार और स्कीन पर घावों के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इससे पहले भारत में केरल में मंकीपॉक्स का तीसरा मामला सामने आया। जुलाई की शुरुआत में संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई से 35 वर्षीय युवक वापस लौटा था। इस युवक में मंकीपॉक्स के संक्रमण की पुष्टि हुई है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि मलप्पुरम का रहने वाला युवक छह जुलाई को अपने गृह राज्य लौटा था। उसका तिरुवनंतपुरम के मंजेरी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। जॉर्ज के मुताबिकए युवक की हालत स्थिर है। उन्होंने बताया कि संक्रमित के संपर्क में रहे लोगों पर करीबी नजर रखी जा रही है।
मंकीपॉक्स को WHO ने माना खतरा, ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित
दुनियाभर में मंकीपॉक्स ने तेजी से पैर पसारना शुरू कर दिया है। अभी तक 68 देशों को यह अपनी जद में ले चुका है। हमारे देश में भी केरल में मंकीपॉक्स ने दस्तक दे दी है। यह बीमारी कहीं आगे तेजी से न बढ़ती जाए, इस खतरे को भांपते हुए डब्ल्यूएचओ यानी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने बताया कि यह वैश्विक स्तर पर पैर पसार रहा है। यूरोपीय देशों को इसका सबसे ज्यादा खतरा है।
यह किस गति से फैल रहा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले माह मंकीपॉक्स 47 देशों में फैला था। इन देशों में 3040 केस थे, लेकिन अब यह 68 देशों में फैल चुका है। इसका प्रकोप पांच देशों में सबसे ज्यादा है। सबसे ज्यादा चपेट में स्पेन के लोग हैं। यहां मंकीपॉक्स के 3125 मामले आए हैं। इसके बाद अमेरिका में 2890 लोग इसकी चपेट में हैं। फिर जर्मनी में 2268, ब्रिटेन में 2208 और फ्रांस में 1567 मामले अब तक दर्ज किए जा चुके हैं।
मई माह के बाद उन देशों में भी फैला, जहां इसका नामोनिशान नहीं थाः डब्ल्यूएचओ
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने बताया कि अभी तक मंकीपॉक्स के 16 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। वायरस के दशकों तक अफ्रीकी महाद्वीप तक सीमित रहने के बाद मई से यह उन देशों में भी पैर पसारने लगा है जहां इसका नामोनिशान नहीं था। उऩ्होंने कहा कि इसका ट्रांसमिशन नए.नए तरीकों के जरिए हो रहा है। जिसके बारे में हमे बहुत कम जानकारी है। इसी को ध्यान में रहते हुए संगठन ने मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने का फैसला किया है।