Monkeypox News: दुनियाभर में मंकीपॉक्स को लेकर लोगों में घबराहट बनी हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इस साल अब तक 80 देशों में 20 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। इसी बीच मंकीपॉक्स का एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया है, जिसने डब्ल्यूएचओ के होश उड़ा दिए हैं। दरअसल, फ्रांस की राजधानी पेरसि में मंकीपॉक्स के एक मामले ने हैरान कर दिया है। यहां इंसान के माध्यम से मंकीपॉक्स का वायरस एक कुत्ते तक पहुंच गया है। यह दुनिया का पहला दुर्लभ मामला है। इस बारे में मेडिकल रिसर्च से जुड़ी प्रतिष्ठित रिसर्च जर्नल 'लांसेट' ने रिपोर्ट प्रकाशित की है। वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर मंकीपॉक्स अलग आबादी में फैलता है तो इसके विकसित होकर अलग तरह से म्यूटेट होने की संभावना है।
WHO ने जताई चिंता, जानवरों के संपर्क में न आने की दी सलाह
इंसान के माध्यम से कुत्ते में मंकीपॉक्स वायरस फैलने का केस सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने भी चिंता जताई है। WHO ने मंकीपॉक्स का शिकार होने वाले लोगों को जानवरों के संपर्क में न आने की सलाह दी है। WHO के आपात निदेशक माइकल रयान के अनुसार, यह एक ज्यादा खतरनाक स्थिति है। हालांकि उन्हें उम्मीद है कि यह वायरस एक ही कुत्ते में एक इंसान की तुलना में तेजी से नहीं विकसित होगा। लेकिन उन्होंने बताया कि लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
मंकीपॉक्स के उपचार में इस कारण आ रही बाधा
शोधकर्ताओं की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम के नेतृत्व में एक समीक्षा के अनुसार, मंकीपॉक्स पर हाई क्वालिटी, अप टू डेट क्लिनिकल Guidance की कमी दुनियाभर में संक्रमण के प्रभावी और सुरक्षित उपचार में बाधा उत्पन्न कर रही है। ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड, ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी और लिवरपूल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने कहा कि मौजूदा मार्गदर्शन में पर्याप्त विवरण का अभाव है, यह विभिन्न समूहों को शामिल करने में विफल है और विरोधाभासी है। उन्होंने कहा कि गाइडलाइन्स स्पष्ट न होने से मंकीपॉक्स के रोगियों का इलाज करने वाले चिकित्सकों के बीच अनिश्चितता है, जो रोगी की देखभाल को प्रभावित कर सकती है। टीम ने अक्टूबर 2021 के मध्य से मई 2022 के बीच कई भाषाओं में प्रकाशित प्रासंगिक सामग्री के लिए छह प्रमुख शोध डेटाबेस की खोज की।
'मंकीपॉक्स' नाम कैसे पड़ा?
1958 में पहली बार 'मंकीपॉक्स' वायरस नाम दिया गया था। प्रमुख प्रकारों की पहचान उन भौगोलिक क्षेत्रों द्वारा की गई थी। जहां इसका प्रकोप हुआ था। डब्ल्यूएचओ ने जुलाई के अंत में आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि बहु-देशीय मंकीपॉक्स का प्रकोप इस समय अंतरराष्ट्रीय चिंता का एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल बन गया है। बुधवार को प्रकाशित मंकीपॉक्स के प्रकोप पर डब्ल्यूएचओ की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर के 89 देशों और क्षेत्रों में अब तक 27,814 प्रयोगशाला-पुष्टि के मामले सामने आए हैं। इस बीमारी से 11 मौतें हुई हैं, जिनमें यूरोप और अमेरिका सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।