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फ्रांस में बड़े पैमाने पर हुई वोटिंग ने दिया बड़े फेरबदल का संकेत, धुर-दक्षिणपंथियों के हाथ में जा सकती है कमान

फ्रांस में 577 सीटों के लिए होने वाले संसदीय चुनाव के पहले चरण में हुए बड़े पैमाने पर मतदान ने पहली बार धुर-दक्षिणपंथियों के हाथ में फ्रांस की सत्ता जाने का संकेत दिया है। नाजी युग के पतन के बाद ऐसा पहली बार होने जा रहा है। फ्रांस के लोग राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से काफी नाराज बताए जा रहे हैं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: July 01, 2024 6:49 IST
फ्रांस चुनाव में बड़े फेरबदल की आहट।- India TV Hindi
Image Source : REUTERS फ्रांस चुनाव में बड़े फेरबदल की आहट।

पेरिस: फ्रांस में संसदीय चुनाव के पहले दौर के लिए रविवार को हुए बड़े पैमाने पर मतदान ने नाजी युग के पतन के बाद सत्ता की बागडोर पहली बार राष्ट्रवादी एवं धुर-दक्षिणपंथी ताकतों के हाथों में जाने का संकेत दिया है। बता दें कि दो चरणों में हो रहा संसदीय चुनाव 7 जुलाई को संपन्न होगा। चुनाव परिणाम से यूरोपीय वित्तीय बाजारों, यूक्रेन के लिए पश्चिमी देशों के समर्थन और वैश्विक सैन्य बल एवं परमाणु शस्त्रागार के प्रबंधन के फ्रांस के तौर-तरीके पर काफी प्रभाव पड़ने की संभावना है।

अनेक फ्रांसीसी मतदाता महंगाई और आर्थिक चिंताओं से परेशान हैं। वे राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के नेतृत्व से भी निराश हैं। मरीन ले पेन की आव्रजन विरोधी ‘नेशनल रैली’ पार्टी ने इस असंतोष को चुनाव में भुनाया है और उसे विशेष रूप से ‘टिकटॉक’ जैसे ऑनलाइन मंचों के जरिए हवा दी है। चुनाव पूर्व सभी जनमत सर्वेक्षणों में ‘नेशनल रैली’ की जीत का अनुमान जताया गया है। नया वामपंथी गठबंधन ‘न्यू पॉपुलर फ्रंट’ भी व्यापार समर्थक मैक्रों और उनके मध्यमार्गी गठबंधन ‘टुगेदर फॉर द रिपब्लिक’ के लिए चुनौती पेश कर रहा है। फ्रांस में संसदीय चुनाव के लिए रविवार सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ। इस साल जून की शुरुआत में यूरोपीय संसद के चुनाव में ‘नेशनल रैली’ से मिली करारी शिकस्त के बाद मैक्रों ने फ्रांस में मध्यावधि चुनाव की घोषणा की थी।

577 सीटों के लिए हो रहा चुनाव

‘नेशनल रैली’ का नस्लवाद और यहूदी-विरोधी भावना से पुराना संबंध है और यह फ्रांस के मुस्लिम समुदाय की विरोधी मानी जाती है। चुनाव परिणाम संबंधी पूर्वानुमान के अनुसार, संसदीय चुनाव में ‘नेशनल रैली’ की जीत की संभावना है। देश में 4.95 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं जो फ्रांस की संसद के प्रभावशाली निचले सदन नेशनल असेंबली के 577 सदस्यों को चुनेंगे। मतदान बंद होने से तीन घंटे पहले 59 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यह 2022 में हुए पहले दौर के मतदान से 20 प्रतिशत अधिक है। (एपी) 

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