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जानें भारत ने क्यों दिया था साइप्रस को कोणार्क चक्र, जयशंकर ने बताया राज

Jaishankar in Cyprus: विदेश मंत्री एस जयशंकर साइप्रस की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान ‘कोणार्क चक्र’ देखने गए जो दोनों देशों के बीच गहरी मित्रता का प्रतीक है। जयशंकर 29 से 31 दिसंबर तक साइप्रस की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। दोनों देश अपने राजनयिक संबंध स्थापित होने की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Dec 30, 2022 17:35 IST, Updated : Dec 30, 2022 17:35 IST
एस जयशंकर, विदेश मंत्री
Image Source : PTI एस जयशंकर, विदेश मंत्री

Jaishankar in Cyprus: विदेश मंत्री एस जयशंकर साइप्रस की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान ‘कोणार्क चक्र’ देखने गए जो दोनों देशों के बीच गहरी मित्रता का प्रतीक है। जयशंकर 29 से 31 दिसंबर तक साइप्रस की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। दोनों देश अपने राजनयिक संबंध स्थापित होने की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। 

विदेश मंत्री जयशंकर बृहस्पतिवार को ‘कोणार्क चक्र’ देखने गए, जिसे भारत ने वर्ष 2017 में साइप्रस को भेंट किया था । इसे दोनों देशों के बीच मित्रता की डोर को और अधिक मजबूत करने के प्रतीक के तौर पर साइप्रस को भारत ने दिया था। जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ साइप्रस के विदेश मंत्री लोआनिस कासोउलिडेस और गृह मंत्री नोउरिस निकोस के साथ वहां के विदेश मंत्रालय में स्थापित कोणार्क चक्र देखा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ वर्ष 2017 में भारत की ओर से भेंट किया गया, यह हमारे देशों के बीच मजबूत मित्रता का प्रतीक है। जयशंकर ने साइप्रस के अपने समकक्ष लोआनिस कासोउलिडेस के साथ सार्थक चर्चा करने के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भारत साइप्रस मुद्दे के समाधान के तौर पर संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों पर आधारित द्वि-क्षेत्रीय संघ की ओर अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है।

संयुक्त राष्ट्र में समर्थन के लिए साइप्रस ने किया धन्यवाद

कासोउलिडेस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और अंतरराष्ट्रीय कानून के संबंध में साइप्रस का एक व्यवहार्य तथा व्यापक समझौते पर पहुंचने का समर्थन करने के लिए भारत का आभार जताया था। उन्होंने कहा था, ‘‘जैसा कि हमने भारत के मामले में देखा है, देश का विभाजन एक खतरनाक यात्रा की शुरुआत थी और निश्चित तौर पर अंत नहीं था। इसलिए साइप्रस तथा उसके लोगों के लिए दो राज्य के समाधान को स्वीकार नहीं किया जा सकता।’’ जयशंकर ने बृहस्पतिवार को साइप्रस की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष अन्निता डेमेट्रियू से मुलाकात ‘‘संसदीय परम्पराओं पर दिलचस्प बातचीत’’ की थी। जयशंकर ने डेमेट्रियू के साथ महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी थी। उन्होंने कहा था, ‘‘शांति तथा सौहार्द का उनका सार्वभौमिक संदेश हम सभी का मार्गदर्शन कर रहा है।’’

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