Russia-Ukraine War Update:रूस-यूक्रेन युद्ध में लगातार बहुत कुछ अप्रत्याशित देखने को मिल रहा है। खेरसोन से अपने सैनिकों को रूस द्वारा वापस बुलाए जाने के बाद अब यूक्रेन ने पूरी तरह इस शहर पर कब्जा कर लिया है। खेरसोन से रूसी सैनिकों को वापस बुलाए जाने की क्या मजबूरी थी, यह तो सिर्फ राष्ट्रपति पुतिन ही बता सकते हैं। मगर खेरसोन पर दोबारा कब्जा पाने के बाद यूक्रेनी सैनिकों के हौसले बुलंद हो गए हैं। यूक्रेन लगातार खेरसोन में जश्न मनाकर वीडियो जारी कर रहा है। इस प्रकार अब रूस के हाथों से खेरसोन निकल जाने के बाद अब दोनेत्स्क को बचाने की चुनौती है।
राष्ट्रपति पुतिन ने करीब दो माह पहले खेरसोन, दोनेत्स्क, जापोरिज्जिया और लुहांस्क को रूस में मिला लिया था। यूक्रेन के इन चारों बड़े शहरों को रूस में मिलाए जाने से पहले पुतिन ने रेफ्रेंडम भी कराया था। क्रेमलिन की ओर से दावा किया गया था कि इन इलाकों में रहने वाले ज्यादातर लोगों ने रूस के साथ रहने की इच्छा जताई है। इसके बाद पुतिन की सेना ने इन चारों शहरों पर कब्जा कर लिया था। मगर यूक्रेन इन चारों शहरों को वापस पाने की जंग लड़ता आ रहा था। अब खेरसोन यूक्रेन के कब्जे में आ गया है। रणनीतिक रूप से खेरसोन यूक्रेन का प्रमुख शहर है।
खेरसोन में भारी मात्रा में मिला रूसी हथियार
रूसी सैनिकों के खेरसोन से वापस जाने के बाद यूक्रेन को इस शहर में भारी मात्रा में रूसी हथियारों का जखीरा मिला है। यहीं रहकर रूसी सैनिक यूक्रेन को निशाना बना रहे थे। मगर अब रूसी सैनिक इन हथियारों और गोला-बारूद को खेरसोन में ही छोड़ गए हैं। ऐसे में अब इन हथियारों और गोला-बारूदों का इस्तेमाल यूक्रेन रूस के खिलाफ करेगा। इस बीच यूक्रेन ने खेरसोन क्षेत्र में रूस के 40 से अधिक सैनिकों को मारने और तीन मिलिट्री वाहनों को नष्ट करने का भी बड़ा दावा किया है।
दोनेत्स्क पर ड्रोन अटैक करेगा रूस
खेरसोन के हाथ से निकलने के बाद अब रूस के लिए दोनेत्सक को बचाना सबसे बड़ी चुनौती है। इस बीच अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार अब रूस यूक्रेन के दोनेत्स्क पर बड़े ड्रोन हमले की तैयारी कर रहा है। वहीं जापोरिज्जिया और लुहांस्क में भी यूक्रेन ने रूस की हालत खस्ता कर दी है। जापोरिज्जिया और लुहांस्क में यूक्रेन की सेना काफी अंदर तक घुस चुकी है। अब यूक्रेन का जंगी जहाज ब्लैक सी में उतर कर रूस को चुनौती दे रहा है। जबकि ब्लैक सी में इससे पहले रूस का जंगी जहाज तैनात था। मगर देखते ही देखते अब मंजर बदलने लगा है।
रूस के खिलाफ लड़ रहे कई देशों के फाइटर
इस बीच अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि रूस के खिलाफ सिर्फ यूक्रेन नहीं लड़ रहा, बल्कि कई दर्जन अन्य देशों के फाइटर भी लड़ रहे हैं। इसीलिए युद्ध में रूस को लगातार पिछड़ना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ जेलेंस्की की सेना पुतिन पर भारी पड़ रही है। ऐसे में अब रूस के लिए मुश्किल वक्त आ गया है। यह पुतिन के परीक्षा की सबसे बड़ी घड़ी है।