Highlights
- सलमान रुश्दी के समर्थन में किया था ट्वीट
- धमकी देने वाले ने हदी मतार का किया समर्थन
- राउलिंग ने ट्विटर को भी लिया आड़े हाथ
JK Rowling: मशहूर लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर हमले के बाद हैरी पॉटर (Harry Potter) उपन्यास (Novel) की लेखिका जेके राउलिंग (JK Rowling) को भी जान से मारने की धमकी मिली है। उनको यह धमकी रुश्दी के समर्थन में एक ट्वीट करने के बाद मिली है। उनके ट्वीट के जवाब में एक यूजर ने लिखा, "चिंता मत करिए। अगला नंबर आपका है।"
राउलिंग ने हमले को लेकर किया था ट्वीट
बता दें, 57 वर्षीय लेखिका राउलिंग ने सलमान रुश्दी पर हमले के बाद ट्विटर पर लिखा था कि इस तरह की घटना से वह काफी आहत हैं। उम्मीद करती हैं कि उपन्यासकार जल्द ठीक हो जाएंगे। उनके इस ट्वीट के जवाब में एक यूजर ने लिखा, "चिंता मत करिए। अगला नंबर आपका है।"
राउलिंग ने इस ट्वीट का स्क्रीनशॉट भी साझा किया है। इस धमकी के बाद राउलिंग के समर्थन में कई लोगों ने ट्वीट किया। इसके बाद स्क्रीनशॉट साझा करते हुए उन्होंने लिखा कि आप लोगों के समर्थन के लिए शुक्रिया।
धमकी देने वाले ने हदी मतार का किया समर्थन
जिस ट्विटर हैंडल से राउलिंग को धमकी दी गई है। उसने सलमान रुश्दी पर हमला करने वाले हदी मतार (Hadi Matar) की तारीफ की है। उसने लिखा है कि यह शिया योद्धा व क्रांतिकारी है। हदी मतार ने बीते दिनों पश्चिमी न्यूयॉर्क में एक साहित्यिक कार्यक्रम के दौरान रुश्दी पर कई बार चाकू से हमला किया था। मतार पर दूसरी डिग्री में हत्या के प्रयास और दूसरी डिग्री में हमले का आरोप लगाया गया है। पुलिस हमले के पीछे के मकसद की जांच कर रही है।
ट्विटर पर भी बरसीं राउलिंग
धमकी मिलने के बाद राउलिंग ने ट्विटर को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने ट्विटर को टैग करते हुए लिखा, ये आपकी गाइडलाइंस हैं, ना? इसके बाद उन्होंने हिंसा और आतंकवाद पर ट्विटर की गाइडलाइंस को भी साझा किया है।
रुश्दी की सेहत में सुधार
सलमान रुश्दी की सेहत को लेकर थोड़ी राहत की खबर आ रही है। ताजा जानकारी के मुताबिक रुश्दी को वेंटिलेटर से हटा दिया गया है और फिलहाल वह बातचीत करने में सक्षम हो गए हैं।
ईरान की मीडिया ने हमले का कोई मकसद नहीं बताया है
वहीं, ईरान की सरकार एवं उसकी सरकारी मीडिया ने इस हमले का कोई मकसद नहीं बताया है, लेकिन तेहरान में कुछ लोगों ने लेखक पर हमले की सराहना की, क्योंकि उनका मानना है कि रुश्दी ने 1988 में आई अपनी पुस्तक 'द सैटेनिक वर्सेज' इस्लाम धर्म की छवि को नुकसान पहुंचाया है। ईरान की राजधानी तेहरान की गलियों में लोगों के जेहन में अब भी खमैनी का फतवा है। रेजा अमिरी नामक एक व्यक्ति ने कहा, "मैं सलमान रुश्दी को नहीं जानता, लेकिन मुझे यह सुनकर खुशी हुई है कि उन पर हमला किया गया, क्योंकि उन्होंने इस्लाम का अपमान किया है।" रुश्दी की किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' ईरान में 1988 से प्रतिबंधित है, क्योंकि कई मुसलमान इसे ईशनिंदा मानते हैं।