Highlights
- इटली में धुर-दक्षिणपंथी पार्टी की जीत संभव
- पहली महिला पीएम बनेंगी जॉर्जिया मेलोनी
- क्रूर तानाशाह मुसोलिनी की समर्थक हैं मेलोनी
Italy Elections: इटली में एक बार फिर पुराना दौर वापस आ सकता है। यहां इटली के क्रूर तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी के फासीवादी युग के बाद पहली बार धुर-दक्षिणपंथी सरकार सत्ता में आने वाली है। शुरुआती एग्जिट पोल में इस बात की जानकारी मिली है। आंकड़ों से पता चलता है कि धुर-दक्षिणपंथी ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी की गठबंधन सरकार बनेगी। जिसका नेतृत्व जॉर्जिया मेलोनी कर रही हैं। रविवार को हुए आम चुनाव में उनके गठबंधव को 41-45 फीसदी वोट मिलने की संभावना है। इनमें अकेले ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी को 22 से 26 फीसदी वोट मिलने की संभावना है। जबकि गठबंधन की सहयोगी पार्टी द लीग को 8.5 से 12.5 फीसदी वोट और फोरजा इटालिया को 6 से 8 फीसदी वोट मिल सकते हैं।
इसमें द लीग पार्टी का नेतृत्व माटेओ साल्विनी कर रहे हैं और फोरजा इटालिया का नेतृत्व सिल्वियो बर्लुस्कोनी कर रहे हैं। अब चूंकी इस पूरे गठबंधन का नेतृत्व मेलोनी कर रही हैं, तो ऐसे में वह इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री भी बनने जा रही हैं। चुनाव नतीजे आधिकारिक तौर पर जल्द ही जारी हो सकते हैं। मेलोनी की पार्टी को हाल के वर्षों में काफी लोकप्रियता मिली थी। हालांकि 2018 के चुनाव में पार्टी को महज 4.5 फीसदी वोट हासिल हुए थे। एग्जिट पोल में जीत की संभावना के बाद से मेलोनी की पार्टी में जश्न का माहौल है। उन्होंने रविवार की रात ट्विटर पर लिखा, 'दक्षिणपंथी गठबंधन हाउस और सीनेट दोनों साफतौर पर बहुमत में है। यह एक लंबी रात होगी लेकिन मैं पहले ही धन्यवाद कहना चाहती हूं।'
मेलोनी ने कौन सा नारा लगाया?
इटली की राजधानी रोम की रहने वाली 45 साल की मेलोनी ने अपने चुनाव अभियान में 'भगवान, देश और परिवार' का नारा लगाया था। वह एक ऐसी पार्टी का नेतृत्व कर रही हैं, जिसने LGBTQ और गर्भपात के अधिकारों को कम करने का प्रस्ताव दिया है। दूसरी तरफ वामपंथी गठबंधन का नेतृत्व डेमोक्रेटिक पार्टी कर रही है। जिसे 25.5 से 29.9 फीसदी वोट मिल सकते हैं। ठीक इसी समय, इटली के पूर्व प्रधानमंत्री ग्यूसेप कोंटे की फाइव स्टार मूवमेंट पार्टी को 14 से 17 फीसदी तक वोट मिलने की संभावना जताई जा रही है। डेमोक्रेटिक पार्टी ने सोमवार को ही अपनी हार स्वीकार कर ली थी और चुनाव नतीजों को 'देश के लिए एक दुखद शाम' बताया था।
कौन था तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी?
बेनिटो मुसोलिनी इटली के 40वें राष्ट्रपति थे, जिन्होंने देश पर 20 साल तक शासन किया है। मुसोलिनी की विचारधारा समाजवाधी थी और उसे इतिहास के सबसे क्रूर तानाशाहों में गिना जाता है। मुसोलिनी स्विजरलैंड गया था और उसने पत्रकारिता की पढ़ाई की। उसने लोगों के बीच अपनी पहचान बनाई। मुसोलिनी 1915 में इटली की सेना में शामिल हुआ था और 1919 में फासिस्ट पार्टी का गठन किया। उसकी पार्टी को लोगों का काफी समर्थन मिला। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुसोलिनी के समर्थक राजनीतिक पार्टियों को डरा धमकाकर खत्म कर देते थे।
ईयू के लिए कैसे हो सकता है खतरा?
मेलोनी 2012 में बनी ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी की सह-संस्थापक हैं। ये पार्टी एक दक्षिणपंथी पार्टी से ही निकली है। जिसने वर्षों तक ईयू और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजार के खिलाफ बयानबाजी की है। इन्हें इस पार्टी ने इटली के राष्ट्रीय हित के लिए अपना दुश्मन बताया है। लेकिन मेलोनी अब ऐसे वक्त में देश की प्रधानमंत्री बन सकती हैं, जब इटली को ईयू की मदद की सबसे ज्यादा जरूरत है। यही वजह है कि मेलोनी की टोन में बदलाव आया है। वह लगातार ईयू के प्रति अपनी प्रतिबद्धताएं और यूक्रेन के प्रति समर्थन को दोहरा रही हैं। इसके साथ ही वह रूस पर प्रतिबंधों का भी समर्थन कर रही हैं।
हालांकि उन्होंने चुनावी अभियान में कहा था कि ईयू के लिए 'पार्टी खत्म हो चुकी है।' उन्होंने बीते हफ्ते एक रैली में कहा था कि वह इटली के हितों को प्राथमिकता देंगी। उन्होंने यूरोपीय संसद की एक रिपोर्ट को वापस लेने से इनकार करने के बाद भी चिंता जताई, जिसमें कानून के उल्लंघन पर यूरोसेप्टिक हंगरी सरकार की निंदा की गई थी।