Russia and NATO: रूस ने लंबे अंतराल के बाद यूक्रेन पर फिर ताबड़तोड़ हमले करना शुरू कर दिया है। वैगनर ग्रुप के मुखिया प्रिगोझिनी के विद्रोह के बीच रूस के हमले बंद हो गए थे। लेकिन फिर से ताबड़तोड़ हमले कीव पर किए गए। इसी कीच सैन्य संगठन ‘नाटो‘ ने रूस को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है। नाटो का मानना है कि रूस को कमजोर नहीं आंका जा सकता। वह पलटवार करने में सक्षम है। यही कारण है कि नाटो ने रूस को लेकर सैन्य योजना तैयार की है।
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन ‘नाटो‘ के एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने सोमवार को कहा कि यूक्रेन में जारी जंग में रूस के बलों को नुकसान हो रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें पटखनी दे दी गई है। नाटो के अधिकारी ने शीतयुद्ध के बाद संगठन की सैन्य योजनाओं में सबसे बड़ा फेरबदल पेश किया है।
नाटो की सैन्य समिति के प्रमुख रोब बॉयर ने पत्रकारों से कहा कि वे भले ही 11 फीट लंबे नहीं है, लेकिन वे निश्चित रूप से दो फीट के नहीं हैं। लिहाज़ा ‘हमें रूसियों और पलटवार करने की उनकी क्षमता को कम नहीं आंकना चाहिए।‘
बाइडेन और नाटो मिलकर करेंगे योजना का फेरबदल लागू
अमेरिकी राष्ट्रपति जो. बाइडेन और उनके नाटो समकक्ष लिथुआनिया की राजधानी विनियस में अगले हफ्ते होने वाले शिखर सम्मेलन में गठबंधन की योजना प्रणाली में बड़े फेरबदल को लागू करेंगे। नाटो ने परमाणु हथियारों से लैस रूस के साथ सीधे टकराव से बचने की कोशिश की है।
जंग में लगी हुई है रूस की 94 फीसदी थलसेना
नई योजना के तहत नाटो का लक्ष्य 30 दिन के अंदर तीन लाख सैनिकों को अपने पूर्वी हिस्से में जाने के लिए तैयार करना है। बॉयर ने कहा कि नाटो की नई योजना रूस द्वारा 17 महीने पूर्व यूक्रेन पर शुरू किए गए हमले से पहले की उसकी सेना की क्षमता पर आधारित है। उन्होंने कहा कि रूस की थलसेना कमजोर हुई है, न कि उसकी नौसेना या वायुसेना। बॉयर ने कहा कि रूस की 94 फीसदी थलसेना यूक्रेन युद्ध में लगी हुई है।