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बेल्जियम से एक शॉकिंग न्यूज सामने आई है। खबर है कि यहां एलिजा नामक एआई चैटबॉट से 6 हफ्ते तक बात करने के बाद एक युवक ने आत्महत्या कर ली। युवक पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित था। इसी मुद्दे को लेकर वह चैटबॉट से बात कर रहा था। बताया गया कि बात करते-करते युवक 6 हफ्ते बीत गए उसके बाद वह काफी उदास हो गया और खुद को ही खत्म कर लिया। दरअसल, 2 साल पहले से ही युवक पर्यावरण के बारे में बेहद चिंतित था। इसके लिए उसने एलीजा नामक चैटबॉट की मदद ली, लेकिन यही उसके मौत का कारण भी बन गया। मृतक की पत्नी के अनुसार वह अपने पति और दो बच्चों के साथ काफी खुश थी, लेकिन चैटबॉट ने उसकी जिंदगी में भूचाल ला दिया।
इस मामले में डिजिटलीकरण के राज्य सचिव मैथ्यू क्या कहते हैं?
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस घटना से युवक का परिवार काफी परेशानी में है। इस सिलसिले में परिवार ने कुछ दिन पहले प्रशासनिक गोपनीयता और भवन विनिमय के नियंत्रण में डिजिटलीकरण के राज्य सचिव मैथ्यू मिशेल से मुलाकात की। इस दौरान मृतक की पत्नी ने कहा कि अगर उसके पति चैटबॉट के साथ बातचीत नहीं करते तो अभी वह जिंदा रहते। इसपर मैथ्यू का कहना है कि यह एक गंभीर मामला है, जिसे बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है। मैथ्यू के मुताबिक इसके जरिए लोग अपनी जिंदगी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमता के बारे में अधिक जागरूक हो गए हैं, लेकिन इसके दुरुपयोग के जोखिम को भी ध्यान देने की जरूरत है।
AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का अर्थ है- बनावटी (कृत्रिम) तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता । यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर साइंस का एक सब-डिवीजन है और इसकी जड़ें पूरी तरह से कंप्यूटिंग सिस्टम पर आधारित हैं। एआई का अंतिम लक्ष्य ऐसे उपकरणों का निर्माण करना है जो बुद्धिमानी से और स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकें। AI की लोकप्रियता को देखते हुए कई टेक कंपनियों ने चैटबॉट लॉन्च किया। इससे इंसानों को कई कामों में काफी मदद भी मिली है।