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Iran Hijab: विदेश में बसे ईरानियों ने किया प्रदर्शन, ईरान के हालात को लेकर जताई चिंता

Iran Hijab: विदेशों में बसे ईरानियों ने ईरान सरकार के खिलाफ अपने-अपने शहरों में प्रदर्शन कर एकजुटता दिखाई है। ये प्रदर्शन यूरोप, उत्तरी अमेरिका और कई देशों में बसे ईरानी लोगों ने किया है। बता दे कि ईरान में पिछले 4 सप्ताह से विरोध प्रदर्शन चल रहा है और यह दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Oct 12, 2022 14:58 IST, Updated : Oct 12, 2022 14:58 IST
Picture of Iranian woman Mahsa Amini during a protest against her death
Image Source : AP Picture of Iranian woman Mahsa Amini during a protest against her death

Highlights

  • कई देशों में बसे ईरानी प्रवासियों ने किया प्रदर्शन
  • महसा अमीनी की मौत को लेकर ईरान सरकार दुर्व्यवहार से कर रही इनकार

Iran Hijab: ईरान के शहरों और कस्बों में 4 हफ्ते से सरकार के खिलाफ जारी प्रदर्शनों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए यूरोप, उत्तरी अमेरिका और कई देशों में बसे ईरानी लोगों ने सड़कों पर उतर मार्च किया। ईरान में 22 वर्षीय युवती महसा अमीनी को नैतिकता के नाम पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पकड़ा था और हिरासत में ही उसकी मौत हो गई थी। घटना के विरोध में ईरान में पिछले चार सप्ताह से विरोध प्रदर्शन जारी है, जिसे कुचलने के लिए सरकारी बलों की कार्रवाई की विश्व स्तर पर निंदा की जा रही है।

ईरानी मूल के लोग इस घटना के विरोध में एकजुट होते नजर आ रहे

बता दें कि ईरान की 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद 1980 के दशक में देश छोड़कर दूसरे देशों में जा बसे ईरान के लोग अब इस घटना के विरोध में एकजुट होते नजर आ रहे हैं। लंदन में बसी मानवाधिकार शोधकर्ता ताहिरिह दानेश (52) ने कहा, ‘‘ मैं इसे कई मायनों में ईरान के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखती हूं। हमें हमेशा राजनीतिक चूक बांटती रही है लेकिन इस बार लोग कह रहे हैं कि हम महिलाओं के साथ हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जितनी तेजी से यह बढ़ा है और ईरानियों के बीच सौहार्द की यह भावना अभूतपूर्व है।’’ 

एकजुटता दिखाने के लिए सड़कों पर मार्च करते दिखे

पिछले एक महीने में लंदन से लेकर पेरिस, पेरिस से लेकर टोरंटो तक के कई शहरों में ईरानी मूल के लोग इन विरोध-प्रदर्शन के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए सड़कों पर मार्च करते दिखे हैं। कई लोगों ने कहा कि वह उम्मीद, उदासी और आशंकाओं के बीच रातभर जागते रहे। उम्मीद कि उनके देश में दशकों के उत्पीड़न के बाद अब शायद परिवर्तन आ सकता है डर कि अधिकारियों की क्रूर कार्रवाई से हिंसा अधिक बढ़ सकती है। लंदन के ‘आर्ट क्यूरेटर’ वली महलौजी (55) ने कहा, ‘‘ पहले हम लोगों को देश में क्या हो रहा है, उसका सही अंदाजा नहीं था और हम उससे जुड़ाव महसूस नहीं करते थे, लेकिन आज ईरान के लोग बुनियादी बदलाव की मांग कर रहे हैं। यह हर एक ईरानी को एकजुट करता है।’’ 

कई देशों में बसे ईरानी प्रवासियों ने किया प्रदर्शन

महलौजी ने भी 1980 के दशक में ईरान छोड़ दिया था। ईरानी प्रवासियों में बड़ी संख्या में केवल वे लोग शामिल नहीं हैं जो 1979 की क्रांति के तुरंत बाद देश छोड़ आए थे, बल्कि बाद में लगातार दमन या आर्थिक संकट के कारण ईरान छोड़ने वाले लोग भी इनमें शामिल हैं। अमेरिका में पांच लाख से अधिक ईरानी रहते हैं और फ्रांस, स्वीडन और जर्मनी में भी बड़ी संख्या में ईरानी हैं। सबसे अधिक संख्या में ईरानी लॉस एंजिलिस, वाशिंगटन, लंदन, पेरिस और स्टॉकहोम में बसे हैं। पेरिस की रोमेन रंजबारन (28) उन हजारों लोगों में शामिल हैं जो पिछले हफ्ते भारी बारिश के बावजूद सड़कों पर मार्च करने निकले और जमकर ईरानी नेतृत्व के खिलाफ नारेबाजी की। फ्रांस में पली-बढ़ी रंजबारन ने कहा कि ईरान में जो हो रहा है उसे देखकर वह ‘‘व्यथित’’ हैं।

महसा अमीनी की मौत को लेकर ईरान सरकार दुर्व्यवहार से कर रही इनकार

ईरान की सरकार ने लगातार यह दावा किया है कि महसा अमीनी के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया गया, जबकि उनके परिवार का कहना है कि उसके शरीर पर चोट व पिटाई के निशान थे। अमीनी को हिजाब सही तरीके से न पहनने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। अमीनी की मौत के बाद ईरान में प्रदर्शन शुरू हुए। प्रदर्शन के सामने आए कुछ वीडियो में सुरक्षा बलों द्वारा महिला प्रदर्शनकारियों को पीटते और धक्का देते हुए देखा जा सकता है। इनमें वे महिलाएं भी शामिल हैं जिन्होंने अपना हिजाब उतार दिया था। ईरान में हिजाब पहनना अनिवार्य है। 

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