जिनेवाः कोविड महामारी के दौरान जब दुनिया भर में रोजाना होने वाली हजारों मौतों से हाहाकार मचा हुआ था और विश्व बड़े देशों की ओर देख रहा था, तो उस वक्त भारत आत्मनिर्भर बनने के लिए कोरोना वैक्सीन ईजाद करने की तैयारियों में जुटा था। भारत ने आखिरकार इसमें सफलता भी पाई और कोवैक्सिन का आविष्कार किया। इस वैक्सीन ने न सिर्फ भारत के लोगों की जान बचाई, बल्कि दुनिया के तमाम देशों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह वैक्सीन गिफ्ट में दी। भारत ने "समस्त तु वसुधैव कुटंबकम" की भावना से सभी देशों की मदद की। इसके बाद अब पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। लिहाजा वैश्विक स्वास्थ्य पहल में भी अब भारत से बड़ी भूमिका निभाने की उम्मीद की जा रही है।
इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अधोनोम गेब्रेयेसस से मुलाकात की है। इस दौरान उन्होंने पारंपरिक चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल के क्षेत्रों सहित वैश्विक स्वास्थ्य संगठनों के साथ भारत के सहयोग पर विस्तार से चर्चा की। जयशंकर तीन देशों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में जर्मनी से यहां पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि आने वाले समय में वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में भी भारत अपनी धाक जमाएगा। अपनी यात्रा के दौरान वह सऊदी अरब भी गए।
टेड्रोस के साथ बैठक की तस्वीरों को किया साझा
जयशंकर ने डब्ल्यूएचओ चीफ से मिलने के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बैठक की तस्वीरें साझा करते हुए पोस्ट में कहा, ‘‘आज दोपहर विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ.टेड्रॉस से मिलकर बहुत खुशी हुई। पारंपरिक चिकित्सा तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य सहित डब्ल्यूएचओ में हमारे सहयोग पर चर्चा की।’’ एक अन्य पोस्ट में जयशंकर ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क से मुलाकात की और वैश्विक मानवाधिकार हालात और चुनौतियों का बेहतर समाधान कैसे खोजा जाए, इस पर भारत के दृष्टिकोण को साझा किया। (भाषा)
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