नई दिल्लीः रूस-यूक्रेन युद्ध का क्या अब खात्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मध्यस्थता से ही होने वाला है, क्या पूरी दुनिया को पीएम मोदी अपनी विदेश नीति से चौंकाने जा रहे हैं, क्या पश्चिम से लेकर यूरोपीय देशों की सोच पर पीएम मोदी का आइ़डिया भारी है, क्या भारत अब दुनिया की वाकई में अगुवाई करने की क्षमता रखने लगा है, इन सभी सवालों के जवाब आपको शायद जल्द मिल जाएंगे। कहा जा रहा है कि रूस की यात्रा के बाद अब पीएम मोदी यूक्रेन की हैरान कर देने वाली यात्रा कर सकते हैं। हैरान कर देने वाली यात्रा इसलिए कह रहे कि पूरी दुनिया को यह उम्मीद नहीं थी कि रूस जाकर राष्ट्रपति पुतिन से गले मिलने के बाद प्रधानमंत्री मोदी इतनी जल्दी यूक्रेन की यात्रा पर जा सकते हैं।
अगर पीएम मोदी ने वाकई ऐसा कर दिया तो आगे क्या होगा, क्या भारत की विदेश नीति वाकई जादुई हो गई है, जिसे अमेरिका जैसे बड़े-बड़े देश भी नहीं समझ पा रहे हैं?...खैर पीएम मोदी का अंदाज तो कुछ यही कहता है। बता दें कि यूक्रेन में शांति कायम करने के नये वैश्विक प्रयासों के बीच भारत और पूर्वी यूरोपीय देश अगले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र की कीव यात्रा की संभावना तलाश रहे हैं। राजनयिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि मोदी 24 अगस्त को यूक्रेन के राष्ट्रीय दिवस के आसपास कीव की यात्रा कर सकते हैं और उनके यूक्रेन से पोलैंड जाने की भी संभावना है।
क्या पुतिन को सहमत कर चुके हैं मोदी
अब पूरी दुनिया यह भी कयास लगा रही होगी कि आखिर इतना चमत्कारी, विस्मयकारी और अद्भुद दौरा पीएम मोदी का कैसे होने जा रहा है। क्या इससे भारत और रूस के रिश्तों में दरार आ जाएगी, या फिर पीएम मोदी ने पुतिन को इसके लिए पहले ही राजी कर लिया है?...क्या पीएम मोदी पुतिन को युद्ध खात्म के लिए सहमत करने के बाद ही अपनी यूक्रेन यात्रा का प्लान बना रहे हैं, ताकि जेलेंस्की को भी इसके लिए राजी कराया जा सके?... क्या पीएम मोदी रूस-यूक्रेन युद्ध को अब हमेशा के लिए खत्म करवा देंगे...? इत्यादि ऐसे सवाल हैं, जिसका जवाब फिलहाल पूरी दुनिया के पास नहीं है। अगर इसका जवाब किसी के पास है तो वह स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।
23-24 अगस्त तक कीव जा सकते हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने इटली के अपुलिया में जी7 शिखर सम्मेलन के इतर पिछले महीने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की थी। अगर मोदी पोलैंड जाते हैं, तो यह चार दशक से अधिक समय बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पोलैंड की पहली यात्रा होगी। सूत्रों ने बताया कि भारत और यूक्रेन अगस्त में मोदी की कीव यात्रा की संभावना तलाश रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभी यात्रा पर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है, क्योंकि इसके लिए व्यापक तैयारियां करने की आवश्यकता होगी। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री की दो देशों की यह यात्रा 23-24 अगस्त के आसपास शुरू हो सकती है। हालांकि, भारत या यूक्रेन की ओर से अभी यात्रा की संभावनाओं पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।
14 जून को जेलेंस्की से मिल चुके हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने 14 जून को यूक्रेन के राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान कहा था कि भारत, रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपने साधनों के भीतर हरसंभव प्रयास करना जारी रखेगा। उन्होंने यह भी कहा था कि शांति का रास्ता ‘‘बातचीत और कूटनीति’’ से होकर गुजरता है। मोदी ने जेलेंस्की से कहा था कि भारत ‘‘मानव-केंद्रित’’ दृष्टिकोण में विश्वास करता है। उस बैठक में यूक्रेनी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री को कीव की यात्रा पर आने का निमंत्रण दिया था। भारत यह कहता रहा है कि यूक्रेन में संघर्ष को संवाद और कूटनीति के जरिये हल किया जाना चाहिए।
जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी ने की थी रूस की यात्रा
मोदी ने आठ-नौ जुलाई को रूस की यात्रा की थी और अमेरिका ने इसकी आलोचना की थी। ऐसी खबरें हैं कि मोदी की रूस यात्रा को लेकर कई पश्चिमी देश नाखुश हैं। भारत ने प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा पर अमेरिका की चिंताओं को बृहस्पतिवार को खारिज करते हुए कहा कि बहुध्रुवीय विश्व में सभी देशों को अपनी ‘‘पसंद को तरजीह देने की स्वतंत्रता’’ है और सभी को ऐसी वास्तविकताओं के प्रति सचेत रहना चाहिए। (भाषा)