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रूस की मदद से भारत बनेगा "परमाणु ऊर्जा का पॉवर हाउस", 6 नए संयंत्रों के निर्माण पर मॉस्को ने जताई सहमति

रूस की सरकारी परमाणु ऊर्जा कंपनी रोसाटॉम ने भारत में 6 नए परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने को तैयार है। ऐसा होने पर भारत परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में पूरी तरह आत्मनिर्भरता हासिल कर लेगा। कंपनी के अनुसार भारत और रूस में इसे लेकर वार्ता चल रही है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: July 10, 2024 11:25 IST
परमाणु संयंत्र। - India TV Hindi
Image Source : REUTERS परमाणु संयंत्र।

मॉस्कोः रूस की मदद से भारत "परमाणु ऊर्जा का पॉवर हाउस" बनने जा रहा है। मॉस्को ने भारत में 6 नए संयंत्रों के निर्माण पर सहमति जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2 दिवसीय मॉस्को दौरे के दौरान रूस और भारत में यह सहमति बनाई जा रही है। रूस की सरकारी परमाणु ऊर्जा कंपनी रोसाटॉम ने भारत में इन नए संयंत्रों के निर्माण में मदद करने की बात कही है। कंपनी के अनुसार दोनों देशों में जल्द ही इसे लेकर रूपरेखा तैयार कर ली जाएगी। ये नए परमाणु संयंत्र स्थापित होने से काफी हद तक भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल कर लेगा। 

पीएम मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान रूस में परमाणु सिंफनी के वीवीईआर-1000 रिएक्टर को देखा। भारत के कुडैनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र में भी इसी तरह का रिएक्टर लगाया गया है। भारत में अब 6 नए संयंत्र बनने से ऊर्जा जरूरतों पर दूसरों पर से निर्भरता कम होगी। आने वाले समय में भारत की ऊर्जा जरूरतें कई गुना बढ़ने के आसार हैं। ऐसे में रूस का यह तोहफा भारत के लिए काफी बड़ा माना जा रहा है। पीएम मोदी के इस दौरे ने रूसी हथियारों के कलपुर्जों के लिए भी संयुक्त उद्यम लगाने के लिए मॉस्को के साथ सहमति बनवाई है। 

सैन्य कलपुर्जों के लिए संयुक्त उद्यम भी लगेगा

रूस ने मंगलवार को रूसी सैन्य साजो-सामान के कल-पुर्जों की आपूर्ति में देरी पर नयी दिल्ली की चिंताओं को दूर करने के संदर्भ में भारत में संयुक्त उत्पादन इकाइयां स्थापित करके पर सहमति व्यक्त की। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिखर वार्ता में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ कल-पुर्जों की आपूर्ति में देरी का मुद्दा उठाया। दोनों नेताओं ने यहां 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भारत-रूस रक्षा संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।

मोदी और पुतिन के बीच वार्ता के बाद एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए क्वात्रा ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों में आम सहमति थी कि इसमें तेजी लाई जाएगी, जिसमें भारत में संयुक्त उद्यम स्थापित करना शामिल है, ताकि आवश्यक कल-पुर्जों की आपूर्ति में देरी की चुनौती का सार्थक तरीके से समाधान किया जा सके।’’ भारतीय सशस्त्र बलों को विभिन्न रूसी सैन्य साजो-सामान के कल-पुर्जों की आपूर्ति में रूस की ओर से अत्यधिक देरी हुई है, जिससे नयी दिल्ली में चिंताएं बढ़ गई हैं। क्वात्रा ने कहा कि मोदी और पुतिन ने सैन्य साजो-सामान के सह-उत्पादन को लेकर व्यापक चर्चा की। रूस पिछले सात दशकों से भारत को सैन्य साजो-सामान और कल-पुर्जों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है। 

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