Sunday, December 22, 2024
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भारत और जर्मनी इन मुद्दों पर मिलकर करेंगे काम, चीन में मची खलबली और पाकिस्तान में कोहराम

10 Important Agreements Between India & Germany: भारत और जर्मनी ने अपने 70 वर्षों के संबंधों को और प्रगाढ़ करते हुए 10 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर एक साथ चलने पर सहमत हुए हैं। इसमें ऊर्जा, कारोबार और जलवायु परिवर्तन से लेकर आतंकवाद और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के विस्तार का मुद्दा अहम है।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Dec 05, 2022 16:38 IST, Updated : Dec 05, 2022 16:38 IST
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (फाइल फोटो)
Image Source : PTI भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (फाइल फोटो)

10 Important Agreements Between India & Germany: भारत और जर्मनी ने अपने 70 वर्षों के संबंधों को और प्रगाढ़ करते हुए 10 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर एक साथ चलने पर सहमत हुए हैं। इसमें ऊर्जा, कारोबार और जलवायु परिवर्तन से लेकर आतंकवाद और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के विस्तार का मुद्दा अहम है। भारत और जर्मनी की इस जुगलबंदी से चीन में खलबली मच गई है। वहीं पाकिस्तान की सांसें फूलने लगी हैं।

जर्मनी ने भारत के साथ इस साझेदारी को बताया ऐतिहासिक

दोनों देशों ने हिन्द प्रशांत, यूक्रेन संघर्ष, अफगानिस्तान की स्थिति, पाकिस्तान से जुड़े मुद्दे, सीरिया की स्थिति सहित क्षेत्रीय एवं वैश्विक विषयों पर विचारों का आदान प्रदान किया । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच दस समझौतों पर हस्ताक्षर अधिक समकालीन द्विपक्षीय साझेदारी के आधार का मजबूत संकेत है। वहीं, जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया कठिन परिस्थितियों का सामना कर रही है तो हमारे लिये मिलकर आगे बढ़ना महत्वपूर्ण है। बेयरबॉक दो दिवसीय यात्रा पर सोमवार को भारत पहुंची। उनकी यात्रा ऐसे समय में हुई है जब चार दिन पहले ही भारत ने जी20 समूह की औपचारिक अध्यक्षता ग्रहण की है।

क्यों घबराया पाकिस्तान
दोनों देशों के बीच हुई बैठक के बाद बेयरबॉक के साथ संयुक्त प्रेस संबोधन में जयशंकर ने कहा, ‘‘ हमने अफगानिस्तान की स्थिति और पाकिस्तान के बारे में चर्चा की जिसमें सीमा पार आतंकवाद से जुड़ा विषय भी शामिल था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पनप रहे आतंकवाद के खिलाफ दोनों देश सख्ती से निपटेंगे। भारत और जर्मनी के बीच हुए इस अहम समझौते से पाकिस्तान में कोहराम मच गया है। 

हिंद-प्रशांत में बढ़ेगा भारत का दबदबा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमने हिन्द-प्रशांत के विषय और ईरान के मुद्दे पर भी चर्चा की । उन्होंने कहा कि विभिन्न विषयों पर जर्मनी की विदेश मंत्री के विचारों को सुनना काफी उपयोगी और फलदायक रहा । उन्होंने कहा कि हमने लचीली आपूर्ति श्रृंखला सृजित करने और डिजिटल क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के बारे में भी चर्चा की। इसके साथ ही हमारी चर्चा में अधिक सुरक्षित वैश्विक अर्थव्यस्था का विषय भी रहा । विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हमने लोगों से लोगों के बीच सम्पर्क को बढ़ाने पर चर्चा के साथ ही इस दिशा में समग्र प्रवासन एवं आवाजाही साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए जिससे लोगों के लिए एक-दूसरे के देश में पढ़ाई, शोध और काम करना आसान होगा। आने वाले समय में अब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत का दबदबा और बढ़ेगा। जाहिर है कि चीन इससे परेशान हो उठा है। 

जर्मनी ने भारत को बताया सबसे बड़ी उभरती हुई अर्थव्यवस्था
दरअसल भारत और जर्मनी ने ऊर्जा, कारोबार और जलवायु परिवर्तन सहित द्विपक्षीय सहयोग को प्रगाढ़ बनाने पर सोमवार को विस्तृत चर्चा की। साथ ही  समग्र प्रवासन एवं आवाजाही साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए। भारत और जर्मनी के बीच हुए इन अहम समझौतों के बाद अब लोगों के लिए एक-दूसरे के देश में पढ़ाई, शोध और काम करना आसान हो जाएगा। जयशंकर ने कहा कि हमारी चर्चा में वीजा से जुड़ा मुद्दा भी उठा । जर्मनी की विदेश मंत्री बेयरबॉक ने कहा कि दुनिया कठिन परिस्थितियों का सामना कर रही है और इस समय में भारत ने जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की है, साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का मासिक अध्यक्ष भी बना है। जर्मनी की विदेश मंत्री ने कहा कि हम भारत के साथ सुरक्षा सहयोग को और बढ़ाना चाहते हैं। बेयरबॉक ने कहा कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र और उभरती हुई अर्थव्यवस्था है और दुनिया के अनेकों देशों के लिये आदर्श है। 

जर्मनी ने कहा भारत हमारा नैसर्गिक साझेदार
बेयरबॉक ने कहा कि हमने यूक्रेन पर रूस के हमले की स्थिति को भी देखा है। बेयरबॉक ने कहा कि जर्मनी ने नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन किया है जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप हो । विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन मुद्दे पर भारत का रुख स्पष्ट है कि यह युद्ध का युग नहीं है और बातचीत के जरिये समाधान निकाला जाना चाहिए। इससे पहले, बेयरबॉक ने अपने बयान में भारत को जर्मनी का नैसर्गिक साझेदार बताया । उन्होंने कहा कि 21वीं सदी, खास तौर पर हिन्द प्रशांत क्षेत्र में विश्व व्यवस्था को आकार प्रदान करने में भारत की निर्णायक भूमिका होगी और भारत की यात्रा करना दुनिया के छठे हिस्से की यात्रा करने जैसा है। उन्होंने कहा, ‘‘ भारत सरकार ने न केवल जी20 में अपने लिये महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है बल्कि अपने देश के लिए भी एक लक्ष्य रखा है। जब नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार की बात आती है तब भारत ऊर्जा परिवर्तन (उपयोग) में पहले से ज्यादा आगे बढ़ना चाहता है और इसमें जर्मनी, भारत के साथ खड़ा है।’’ बेयरबॉक ने कहा कि जलवायु संकट के असर से हम सभी प्रभावित हुए हैं, यूरोप और भारत में भी आजीविका को नुकसान पहुंचा है, ऐसे में हम आर्थिक, जलवायु क्षेत्र और सुरक्षा नीति को लेकर अपने सहयोग को सामरिक गठजोड़ के स्तर से आगे ले जाना चाहते हैं और यह केवल खोखली बातें नहीं हैं ।

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