भारत और ब्रिटेन की दोस्ती अब एक नए मुकाम पर पहुंचने वाली है। दोनों देश मिलकर अब अंतरिक्ष में बड़ा काम करने जा रहे हैं। इसके तहत भारत और ब्रिटेन अपने अंतरिक्ष समूहों के बीच संपर्क स्थापित करेंगे। ऐसा होने पर भारत की अंतरिक्ष में ताकत और अधिक मजबूत हो जाएगी। आज का भारत अब समुद्र, अंतरिक्ष और स्सपेस टेक्नोलॉजी में चीन और अमेरिका को टक्कर देने की स्थिति में पहुंच गया है। इससे चीन की चिंता बढ़ रही है। हाल ही में पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान भी पीएम मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने समुद्र से लेकर अंतरिक्ष तक सहयोग बढ़ाने का ऐलान किया था। ऐसे में तय है कि जल्द भारत चीन को अंतरिक्ष में कड़ी प्रतिस्पर्धा देने वाले देश के रूप में आगे बढ़ रहा है।
ब्रिटेन के विज्ञान, शोध तथा नवाचार मंत्री जॉर्ज फ्रीमैन ने कहा कि भारत और ब्रिटेन अंतरिक्ष के क्षेत्र में देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देते हुए अपने अंतरिक्ष समूहों के बीच संपर्क स्थापित करेंगे। फ्रीमैन ने कहा कि भारत और ब्रिटेन इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि वे ‘लोअर अर्थ ऑब्जर्वेशन’ की कक्षाओं का किस प्रकार से बेहतर उपयोग तथा सैटेलाइट संचार का विनियमन कर सकते हैं। फ्रीमैन के अनुसार दोनों देश परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करने और परमाणु विखंडन तथा संलयन में समन्वय की बाट जोह रहे हैं।
भारत के लिए बढ़ेंगे अवसर
फ्रीमैन के अनुसार हम ब्रिटेन के अंतरिक्ष समूह पार्कों को भारत के अंतरिक्ष पार्क से जोड़ने पर विचार कर रहे हैं, इसकी शुरुआत लेस्टर से होगी। इस कवायद का मकसद अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को विकसित करना और व्यावसायिक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में ब्रिटेन के वैज्ञानिकों और नवप्रवर्तकों के साथ काम करने वाले युवा भारतीय वैज्ञानिकों की नई पीढ़ी के लिए कौशल को और बढ़ाना है।’’ फ्रीमैन पिछले सप्ताह जी20 विज्ञान मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए मुंबई में थे। उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष जितेंद्र सिंह से भी मुलाकात की