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कोविड के दौरान कार्डियक अरेस्ट का बढ़ा खतरा, दिल की कार्यक्षमता में 77 प्रतिशत की आई कमी- शोध

सीडर-सिनाई मेडिकल सेंटर में स्मिड हार्ट इंस्टीट्यूट के जांचकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में यह भी पाया गया कि महामारी के दौरान कार्डियक अरेस्ट से बचने की दर 15.3 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत हो गई।

Edited By: Shashi Rai @km_shashi
Published on: April 01, 2023 14:25 IST
सांकेतिक तस्वीर- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV सांकेतिक तस्वीर

न्यूयॉर्क: भारतीय मूल के एक शोधकर्ता सहित अमेरिका के वैज्ञानिकों ने पाया है कि कैलिफोर्निया में वेंचुरा काउंटी के निवासियों में महामारी के पहले दो वर्षों के दौरान कार्डियक अरेस्ट की घटनाओं में 38 प्रतिशत की वृद्धि हो गई। शोधकर्ता ने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित हिस्पैनिक निवासी हैं। इन्हें दिल की कार्यक्षमता में 77 प्रतिशत की कमी का सामना करना पड़ा। सीडर-सिनाई मेडिकल सेंटर में स्मिड हार्ट इंस्टीट्यूट के जांचकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में यह भी पाया गया कि महामारी के दौरान कार्डियक अरेस्ट से बचने की दर 15.3 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत हो गई।

सुमीत चुग ने दी ये जानकारी

अध्ययन में शामिल स्मिड्ट हार्ट इंस्टीट्यूट में कार्डिएक अरेस्ट प्रिवेंशन सेंटर के निदेशक सुमीत चुग ने कहा, ''अध्ययन के निष्कर्षों ने कोविड -19 महामारी की चुनौतियों का खुलासा किया है। यह महामारी के पूरे दो वर्षो के डेटा को शामिल करने वाला और कार्डियक अरेस्ट दरों में अंतर का मूल्यांकन करने वाला पहला अध्ययन है।''

प्रोफेसर किंडारोन रेइनियर ने बताया- 

स्मिड्ट हार्ट इंस्टीट्यूट में कार्डियोलॉजी विभाग में रिसर्च एसोसिएट प्रोफेसर किंडारोन रेइनियर ने बताया, ''हम मानते हैं कि अचानक कार्डियक अरेस्ट के कुछ बढ़ते मामले कोविड-19 संक्रमण का प्रत्यक्ष परिणाम हो सकते हैं, हमें यह भी संदेह है कि महामारी के अप्रत्यक्ष प्रभावों ने घटनाओं में वृद्धि और जीवित रहने की गिरावट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।''

सीपीआर में गिरावट 

सभी निवासियों, विशेष रूप से हिस्पैनिक निवासियों के बीच सीपीआर में गिरावट आई, जैसा कि पीयर-रिव्यूड मेडिकल जर्नल हार्ट रिदम में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है। रेनियर ने कहा, यह अध्ययन निवारक और आकस्मिक देखभाल की आवश्यकता होने पर महत्व पर जोर देता है।

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