Friday, November 22, 2024
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G7 में गूंजा अवैध प्रवासन और मानव तस्करी का मुद्दा, डंकी रूट से यूरोप में घुसपैठ के खिलाफ खड़े हुए देश

इटली के जी7 शिखर सम्मेलन में यूरोपीय देशों में अवैध प्रवासन और मानव तस्करी का मुद्दा छाया रहा। जी7 देशों के नेताओं ने इसका समुचित प्रबंध करने के पक्ष में एकजुटता जाहिर की। इसके साथ ही यूक्रेन युद्ध में जेलेंस्की को सहायता, गाजा युद्ध, एआई, जलवायु परिवर्तन और चीनी औद्योगिक क्रांति जैसे मुद्दे अहम रहे।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: June 15, 2024 6:26 IST
इटली में बैठक करते जी-7 देशों के राष्ट्राध्यक्ष। - India TV Hindi
Image Source : PTI इटली में बैठक करते जी-7 देशों के राष्ट्राध्यक्ष।

बारी (इटली): जी-7 देशों के नेताओं ने शुक्रवार को शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन की शुरुआत में अवैध प्रवासन पर ध्यान केंद्रित किया। जी7 नेताओं ने इस दौरान मानव तस्करी से निपटने और उन देशों में निवेश बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की, जहां से प्रवासी अक्सर जान खतरे में डालकर यात्रा शुरू करते हैं। इटली के दक्षिणी क्षेत्र पुगलिया में एक लक्जरी रिसॉर्ट में आयोजित इस सम्मेलन में अन्य प्रमुख विषयों पर भी चर्चा हो रही है, जिनमें यूक्रेन को वित्तीय सहायता, गाजा युद्ध, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जलवायु परिवर्तन, चीन की औद्योगिक नीति और आर्थिक सुरक्षा शामिल है।

हालांकि शिखर सम्मेलन के अंतिम घोषणापत्र को लेकर भी कुछ मतभेद उभरे, जिसमें गर्भपात के संदर्भ को शामिल करने पर असहमति की खबर भी आई। शिखर सम्मेलन के मेजबान इटली के लिए प्रवासन विशेष रूप से चिंता का विषय है, जो अफ्रीका, मध्य पूर्व और एशिया में युद्ध और गरीबी से जूझ रहे लोगों के लिए यूरोपीय संघ में प्रवेश के प्रमुख मार्गों में से एक है। इस मुद्दे पर अपने सख्त रुख के लिए जानी जाने वालीं दक्षिणपंथी इतालवी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, यूरोप पर प्रवासियों के बोझ को कम करने के तरीके के रूप में अफ्रीकी देशों में निवेश और वित्त पोषण बढ़ाने को लेकर उत्सुक रही हैं।  मेलोनी ने बृहस्पतिवार को शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर कहा, "इटली एक अन्य महाद्वीप को पर्याप्त स्थान देना चाहता है जोकि हम सभी के भविष्य का आधार है, वह है अफ्रीका, अपनी कठिनाइयों और अवसरों के साथ।"

22 हजार से ज्यादा लोग समुद्र के रास्ते इटली में घुसे

यूएनएचसीआर के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में अब तक 22,000 से ज़्यादा लोग समुद्र के रास्ते इटली पहुंच चुके हैं। 2023 में, 157,000 से ज़्यादा लोग आए थे और लगभग 2,000 लोग भूमध्य सागर को खतरनाक तरीके से पार करने की कोशिश करते हुए मारे गए या लापता हो गए। अमेरिका भी अपनी दक्षिणी सीमा पर प्रवासियों की बढ़ती संख्या से जूझ रहा है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कांग्रेस में एक विधेयक पारित कराने की कोशिश की थी, लेकिन इसमें सफल नहीं हो सके जिसके बाद उन्होंने प्रवासन पर अंकुश लगाने के लिए नई नीतियां पेश कीं। हालांकि, प्रवासी अधिकार अधिवक्ताओं ने नई नीतियों के खिलाफ बृहस्पतिवार को मुकदमा दायर किया, और यह स्पष्ट नहीं है कि वे अमेरिकी अदालतों में कानूनी चुनौतियों का सामना कर पाएंगे या नहीं।

प्रवासन से निपटना बना चुनौती

शिखर सम्मेलन में पहुंचने के बाद यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने कहा कि प्रवासन से निपटना "एक आम चुनौती है।" उन्होंने कहा, "यह वह चुनौती है, जिसका हम अपने साझेदारों के साथ मिलकर सामना करना चाहते हैं। जी7 को तस्करों, उन आपराधिक समूहों से लड़ना चाहिए, जो पैसा कमाने और दुनिया भर के क्षेत्रों व देशों को अस्थिर करने के लिए (मजबूर लोगों) का दुरुपयोग कर रहे हैं।” इटली ने मेलोनी की प्रवासन व विकास पहल पर जोर देने के लिए कई अफ्रीकी नेताओं को भी आमंत्रित किया है, जिनमें अल्जीरियाई राष्ट्रपति अब्दुल मजीद तबून, केन्याई राष्ट्रपति विलियम रुटो और ट्यूनीशियाई राष्ट्रपति कैस सैयद शामिल हैं। जी-7 नेताओं के बीच कुछ मतभेद दिखाई दिए।

मैक्रों ने जी7 में गर्भपात मुद्दे का उल्लेख नहीं होने पर जाहिर किया दुख

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने शिखर सम्मेलन के अंतिम घोषणापत्र के मसौदे में गर्भपात का उल्लेख न होने पर खेद व्यक्त किया। पिछले वर्ष जापान के हिरोशिमा में आयोजित शिखर सम्मेलन के बाद जारी वक्तव्य में महिलाओं और लड़कियों को सुरक्षित व कानूनी गर्भपात की सुविधा उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई थी, तथा लैंगिक समानता और एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करने का वचन दिया गया था। यूरोपीय संघ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को पुष्टि की कि इस वर्ष के अंतिम घोषणापत्र में "गर्भपात" शब्द नहीं है, हालांकि यौन और प्रजनन स्वास्थ्य अधिकारों को बढ़ावा देने का जिक्र है। उन्होंने कहा, “इन बातों पर सहमति बनाना संभव नहीं है।” (एपी)

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