Ukraine-Russia Grain Deals & UN Chief:रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते दुनिया भर में कई देशों की अर्थव्यवस्था चौपट होने लगी है। मंदी और महंगाई की मार से हाहाकार मच रहा है। रोजाना की जरूरतों वाली वस्तुओं और खाने-पीने के सामानों के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में आम आदमी का जीना मुहाल हो रहा है। इस युद्ध का असर सिर्फ यूक्रेन या रूस पर ही नहीं है, बल्कि दुनिया के कई देश इस भीषण तबाही का दर्द झेलने को मजबूर हैं। मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि युद्ध की आग में झुलसते रहने के बावजूद यूक्रेन कई देशों में लोगों की जिंदगी बचाने का काम कर रहा है। यदि यूक्रेन ऐसा नहीं कर पाता तो कई देशों में सैकड़ों लोग भूखों मर जाते। मगर जब बात मानवता की आई तो रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने भी इसके लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की को इजाजत दे दी।
पुतिन की दरियादिली और यूक्रेन की मदद की भावना से अब कई देशों में सैकड़ों-हजारों लोगों की जिंदगियां बचाई जा सकेंगी। दरअसल यूक्रेन बहुत बड़ा अनाज उत्पादक देश है। यूक्रेन यूरोप से लेकर एशिया और अफ्रीकी व आस्ट्रेलियाई महाद्वीप तक के कई देशों को अनाज भेजता है। मगर रूस के साथ चल रहे युद्ध के चलते अनाज की सप्लाई चेन टूट गई थी। कुछ माह पहले संयुक्त राष्ट्र के प्रयास से रूस और यूक्रेन में अनाज सप्लाई चालू रखने पर एक समझौता भी हुआ था, जिसके तहत अब तक दूसरे देशों को यूक्रेन अनाज भेज पा रहा था। यह समझौता अब 19 नवंबर को खत्म होने जा रहा था। अगर इसे आगे नहीं बढ़ाया जाता तो यूक्रेन चाहकर भी किसी दूसरे देश को अनाज नहीं भेज पाता। ऐसे में कई देशों में भुखमरी की स्थिति आ जाती।
रूस ने अनाज और उर्वरक निर्यात सौदे को चार महीने के लिए बढ़ाया
रूस और यूक्रेन के बीच अनाज और उर्वरक निर्यात समझौते की मियाद पूरी होने के दो दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने यूक्रेन के राष्ट्रपति ब्लादीमिर जेलेंस्की के साथ फोन पर बात की। उन्होंने इस दौरान ब्लैक सी ग्रेन इनिशिएटिव के भविष्य और गरीब देशों पर इसकी वजह से पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा की। गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक के अनुसार यूएन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि इस पहल के माध्यम से काला सागर के पार भेजी जा रही खाद्य सहायता न केवल विश्व खाद्य कीमतों को कम करने में सक्षम हो, बल्कि यह गरीब देशों को राहत भी प्रदान करे। इसके बाद रूस के साथ कोआर्डिनेट किया गया। फिर पुतिन की ओर से ब्लैक सी ग्रेन इनिशिएटिव को 120 दिनों के लिए नवीनीकरण की हरी झंडी दे दी गई। ऐसे में अब अगले चार महीनों तक यूक्रेन काला सागर बंदरगाहों से अनाज और उर्वरकों के निर्यात को बनाए रख सकेगा।