कुरचटोव (रूस): रूस के कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी सैनिकों की घुसपैठ के बाद संयुक्त राष्ट्र परमाणु एजेंसी (आईएईए ) ने परमाणु खतरे को लेकर जो चेतावनी जारी की है, उसके बारे में सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। अभी कुछ दिनों पहले ही यूक्रेन के 10 हजार से ज्यादा सैनिक रूस के कुर्स्क क्षेत्र में दाखिल हुए थे, जहां उन्होंने कब्जे का दावा किया है। इस क्षेत्र में घुसपैठ के बाद यूक्रेनी सेना रूस पर लगातार हमलावर हो गई है। इस बीच आईएईए के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने रूस के कुर्स्क परमाणु ऊर्जा संयंत्र का दौरा करने के यहां परमाणु दुर्घटना का होने का बड़ा खतरा बताया है।
आईएईए के अनुसार स्थिति गंभीर हो चुकी है। ग्रॉसी ने संवाददाताओं से कहा, "यहां हाल ही में परमाणु दुर्घटना का खतरा पैदा हुआ है।" उन्होंने यह भी कहा कि कुर्स्क के आसपास के क्षेत्र में रूस-यूक्रेन के बीच लड़ाई हो रही है। ऐसे में यह खतरा कई गुना बढ़ गया है। वहीं रूस का आरोप है कि इस महीने रूसी क्षेत्र के एक हिस्से पर कब्जा करने के बाद इस यह परमाणु संयंत्र पर यूक्रेनी बलों के निशाने पर रहा है। यहां यूक्रेन की सेना ने बार-बार हमला किया है। जो जंग वाले क्षेत्र से सिर्फ 40 किमी (25 मील) दूर हैं। हालांकि रूस के इन आरोपों पर यूक्रेन ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।
कुर्स्क प्लांट की स्थिति को बताया नाजुक
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख ग्रॉसी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संयंत्र बेहद नाजुक है। क्योंकि इसमें कोई सुरक्षात्मक गुंबद नहीं है। उन्होंने कहा-हालांकि साइट अभी भी सामान्य परिस्थितियों के बहुत करीब काम कर रही है। मगर इसकी सुरक्षा को लेकर स्थिति और भी गंभीर है। वहीं रूसी राज्य परमाणु कंपनी रोसेनरगोएटम ने कहा कि संयंत्र का नंबर तीन रिएक्टर नियोजित क्षमता पर काम कर रहा है, जबकि इसका चौथा रिएक्टर रविवार से निर्धारित रखरखाव से गुजर रहा है। इउन्हें एक नया रिएक्टर ब्लॉक भी दिखाया गया जो निर्माणाधीन है। इसलिए ग्रॉसी ताजा खतरे से पूरी तरह वाकिफ हैं। (रायटर्स)