रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच रूसी सैनिकों को यूक्रेन की तरफ से एक घातक हमले का सामना करना पड़ा। पूर्वी दोनेत्स्क क्षेत्र में यूक्रेन के रॉकेट हमले में मरने वाले रूसी सैनिकों की संख्या बढ़कर 89 हो गई है। वहीं रूस से मिल रही खबरों के मुताबिक रूसी सैनिकों द्वारा मोबाइल फोन के इस्तेमाल के कारण यूक्रेन को उनकी मौजूदगी का पता चल गया और उसने रॉकेट से हमला कर रूसी सैनिकों को मौत की नींद सुला दिया।
मोबाइल फोन का अनधिकृत इस्तेमाल
बताया जाता है कि रूसी सैनिकों ने मोबाइल फोन का अनधिकृत तौर पर इस्तेमाल किया। जहां वे ठहरे हुए थे वहा मोबाइल फोन के इस्तेमाल की इजाजत नहीं थी। जनरल लेफ्टिनेंट सर्गेई सेवरीयूकोव ने एक बयान में बताया कि फोन के सिग्नल की वजह से यूक्रेन की सेना को सैनिकों के ठिकाने का पता चल गया और उसने हमले किए। सेवरीयूकोव ने कहा कि भविष्य में इस तरह की त्रासदी को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं ।
जिम्मेदार अधिकारी होंगे दंडित
उन्होंने नियमों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को दंडित करने का वादा किया। युद्ध शुरू होने के बाद से रूसी सैनिकों पर किए गए यह सबसे घातक हमलों में से एक था। यूक्रेन की सेना ने हिमार्स प्रक्षेपण प्रणाली से उस जगह पर छह रॉकेट दागे जहां सैनिक ठहरे हुए थे। उनमें से दो रॉकेट को मार गिराया गया लेकिन इमारत से टकराने के बाद इनमें विस्फोट हुआ जिससे ढांचा क्षतिग्रस्त हो गया।
यूक्रेन ने 400 सैनिकों के मारे जाने का किया था दावा
रूस के रक्षा मंत्रालय ने पूर्व में कहा था कि हमले में 63 सैनिक मारे गए। सेवरीयूकोव ने बताया कि आपात सेवा कर्मियों द्वारा इमारत का मलबा हटाए जाने के बाद कुछ अन्य शव मिलने के साथ मृतकों की संख्या 89 हो गई। हमले में रेजिमेंट का उप कमांडर भी मारा गया। कुछ अन्य खबरों में मृतकों की संख्या ज्यादा होने की बात कही गई है लेकिन उनकी पुष्टि नहीं हो पाई। यूक्रेन के सशस्त्र बलों के सामरिक संचार निदेशालय ने रविवार को दावा किया कि मकीवका में एक व्यावसायिक स्कूल की इमारत में लगभग 400 लामबंद रूसी सैनिक मारे गए और लगभग 300 अन्य घायल हो गए।
इनपुट-एजेंसी