Biography of UK PM Rishi Sunak:भारत को आजाद घोषित करने से पहले ब्रिटेन का तत्कालीन प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने कहा था कि भारतीयों में शासन करने की क्षमता नहीं है। अगर इस देश को आजाद कर दिया गया तो कुशल शासन के अभाव में यह विखर जाएगा। भारतीय आजादी को संभाल नहीं पाएंगे। मगर भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद पर आसीन होकर यह जता दिया है कि भारतीय अपने देश में शासन चलाने के साथ ही साथ आपके देश (ब्रिटेन) का भी नेतृत्व कर सकते हैं। चर्चिल को शायद यह पता नहीं रहा होगा कि जिन भारतीयों को वह अपने देश में शासन चलाने के लायक नहीं समझ रहे, वही भारतीय एक दिन ब्रिटेन का भी शासन चलाएंगे।
ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने तक की ऋषि सुनक की कहानी काफी दिलचस्प है। अभी उनका कुल राजनीतिक कैरियर महज सात वर्षों का ही है। पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन की सरकार में सुनक वित्त मंत्री थे। मगर किसी को क्या पता था कि यह भारतीय मूल का व्यक्ति एक दिन ब्रिटेन का शासन चलाएगा।
गाय की पूजा करते हैं और दिवाली मनाते हैं ऋषि सुनक
ऋषि सुनक भले ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन गए हों, लेकिन उन्होंने अपनी भारतीय संस्कृति को आज भी जिंदा रखा है। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने अपने 10 डाउनिंग स्ट्रीट (ब्रिटेन के प्रधानमंत्री आवास) पर दिवाली के दिन दीपक जलाया था और भारतीय परंपरानुसार त्यौहार मनाया। वह हिंदू होने के नाते अपने माथे पर तिलक लगाते हैं, मंदिर जाते हैं और गाय की पूजा भी करते हैं। इतना ही नहीं वह भारतीय लोगों को हाथ जोड़कर प्रणाम करते हैं, कलाई पर कलावा बांधते हैं। पूरे गर्व से खुद को हिंदू बताते हैं।
ब्रिटेन की जनता को दिया है आर्थिक मंदी से उबारने का भरोसा
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद ऋषि सुनक ने उस देश की जनता को मौजूदा आर्थिक तंगी से निकालने का वचन दिया है। ब्रिटिश हुकूमत से आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रही भारत की जनता इस बार दीवाली के साथ-साथ इस बात की भी खुशी बना रही थी कि ब्रिटेन में भारतीय मूल के ऋषि सुनक प्रधानमंत्री बन गए हैं। सुनक ने ऐसे समय पर ब्रिटेन का शासन संभाला है, जब उस देश में महंगाई आसमान छू रही है, आर्थिक वृद्धि की रफ्तार थम सी गई है, देश की मुद्रा कमजोर हो रही है और उनकी कंजरवेटिव पार्टी आतंरिक कलह से बेहाल है। सुनक ब्रिटेन के 57वें और इस वर्ष के तीसरे प्रधानमंत्री हैं। पहले बोरिस जॉनसन, फिर लिज ट्रस और अब ऋषि सुनक का प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठना इस बात का संकेत है कि ब्रिटेन में राजनीतिक हालात कुछ ठीक नहीं हैं और सुनक के सामने अपनी कुर्सी को बचाने के साथ-साथ देश की जनता को भी संकट से निकालने की दोहरी जिम्मेदारी है।ऋषि सुनक 12 मई 1980 को साउथैंम्पटन के सरकारी अस्पताल में जन्मे थे। वह अभी 42 बरस के हैं और ब्रिटेन के 200 वर्षों के इतिहास में सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने हैं।
फॉर्मासिस्ट मां के बेटे हैं सुनक
भारतीय मूल के ऋषि सुनक के पिता यशवीर डॉक्टर हैं, जो कि अफ्रीका में जन्मे थे। जबकि उनकी मां ऊषा फॉर्मासिस्ट हैं। अपने माता-पिता की तीन संतानों में ऋषि सबसे बड़े हैं। ऋषि के दादा रामदास सुनक एक समय अविभाजित भारत के गुजरांवाला में रहते थे, जो बंटवारे के बाद पाकिस्तान का हिस्सा बना। वह 1935 में नैरोबी चले गए और वहां नौकरी करने लगे। ऋषि सुनक की दादी सुहाग रानी 1966 में अकेले ब्रिटेन गईं और एक वर्ष बाद अपने परिवार को भी वहीं बुला लिया। वह संघर्ष का समय था, लेकिन धीरे धीरे हालात बदले और आज यह आलम है कि ऋषि सुनक का परिवार ब्रिटेन के सबसे धनी 250 परिवारों में शुमार है।
इन्फोसिस के मालिक नारायण मूर्ति के दामाद हैं सुनक
ऋषि सुनक भारत की शीर्ष आईटी कंपनियों में शामिल इन्फोसिस के मालिक नारायणमूर्ति के दामाद हैं। उनकी पत्नी अक्षता और उनके पास अपार धन, विशाल घर, हवेली और हर तरह के ऐशो आराम के साथ अब 10 डाउनिंग स्ट्रीट (ब्रिटिश प्रधानमंत्री का सरकारी आवास-सह कार्यालय) भी है। महज सात साल के राजनीतिक करियर में सांसद से प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे ऋषि सुनक का जीवन किसी परीकथा से कम नहीं है। उन्होंने आने वाली परेशानियों को समय से पहले भांप लेने और हवा के बदलते रुख के अनुसार फैसले करने की अपनी आदत को उस वक्त भी नहीं छोड़ा जब वह प्रधानमंत्री पद की होड़ में लिज ट्रस से हार गए थे। वह जानते थे कि ट्रस के फैसले ब्रिटेन की जनता की आर्थिक समस्याओं को बढ़ाएंगे ही और तब वित्त मंत्री के तौर पर उनका तजुर्बा उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचाएगा।
लंदन में हुई ऋषि सुनक की पढ़ाई
ऋषि सुनक की प्रारंभिक पढ़ाई ब्रिटेन के विंकस्टर कॉलेज से हुई। वहां वह हैड ब्वॉय रहे। ऑक्सफर्ड के लिंकन कॉलंज से उन्होंने फिलॉस्फी, पॉलिटिक्स और इकनॉमिक्स में आगे की पढ़ाई की। उसके बाद उन्होंने अमेरिका की प्रतिष्ठित स्टेनफर्ड यूनिवर्सिटी से 2006 में एमबीए किया। ऋषि अपने पूरे शैक्षणिक जीवन में बहुत होनहार और होशियार छात्र रहे। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने हेज फंड मैनेजमेंट, चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड मैनेजमेंट और थेलीम पार्टनर्स के साथ काम किया। इसी दौरान 2009 में उन्होंने इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की पुत्री अक्षता मूर्ति के साथ विवाह किया।
ऋषि ने बेटियों का नाम रखा है कृष्णा और अनुष्का
ऋषि सुनक का भारत से लगाव कितान अधिक है, इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपनी दो बेटियों का नाम कृष्णा और अनुष्का रखा है। 2013 से 2015 के बीच वह नारायण मूर्ति की निवेश कंपनी कैटेमारन वेंचर्स के निदेशक रहे। 2015 में उन्होंने बड़ी मजबूती के साथ राजनीति में कदम रखा और यार्क्स की रिकमंड सीट से सांसद चुने गए। कोविड के प्रकोप के दौरान लॉकडाउन के समय सुनक प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की सरकार में वित विभाग के प्रभारी थे और उन्होंने रोजगार बचाने और उद्योग धंधों को आर्थिक मदद देकर ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को थामे रखने वाले कई लोकलुभावन फैसले करके ब्रिटेन की जनता के दिल में अपने लिए जगह बनाना शुरू कर दिया। उनके इस कदम की खास तौर पर बहुत सराहना हुई जब वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने एक रेस्तरां में खाना सर्व किया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग खाना खाने आएं। सोशल मीडिया पर उनकी खाना परोसते हुए तस्वीरें जमकर वायरल हुईं।