यूक्रेन के साथ पिछले 16 महीनों से युद्ध लड़ते-लड़ते रूस और उसके राष्ट्रपति पुतिन में कितना दम बचा है, इसका अंदाजा न तो यूरोपीय संघ को है और न ही नॉर्थ एटलांटिक ट्रीटी आर्गेनाइजेशन (नाटो) को...इस वजह से यूक्रेन युद्ध की मजबूत रणनीति नहीं बना पा रहा है। पश्चिमी देशों से हथियार और गोला-बारूद व लड़ाकू विमान से लेकर टैंक तक मिलने के बावजूद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को वह सफलता नहीं मिल पा रही है, जिसकी कि उन्हें उम्मीद थी। यूक्रेन अपनी जमीन की भी रक्षा नहीं कर पा रहा है। ऐसे में अब यूरोपीय संघ और नाटो मिलकर पुतिन की शेष रह गई शक्तियों का सटीक आकलन करेंगे। ताकि उसी के अनुसार रूस से अग्रिम मोर्चे का प्लान तैयार किया जा सके और उसके अनुरूप जेलेंस्की को आगे की मदद पहुंचाई जा सके।
नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग और यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की बृहस्पतिवार को आयोजित हो रहे यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में प्रमुख व्यक्ति होंगे। यह यूरोपीय संघ के 27 नेताओं के लिए रूसी आक्रामकता से उनके पूर्वी हिस्से की रक्षा करने और यूक्रेन की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के महत्व को रेखांकित करता है। ज़ेलेंस्की वीडियो लिंक के जरिए सम्मेलन को संबोधित करेंगे और स्टोलटेनबर्ग नेताओं के लिए दोपहर भोज का आयोजन करेंगे। इस बीच, रूस में सप्ताहांत हुए आश्चर्यजनक विद्रोह और वहां के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की स्थिति पर भी चर्चा की जाएगी, हालांकि यह मुद्दा शिखर सम्मेलन के एजेंडे में शामिल नहीं है।
वैगनर और पुतिन के बीच द्वंद से कितना कमजोर हुआ रूस
बैठक के दौरान इस बात का भी आकलन किया जाएगा कि रूस की निजी सेना वैगनर के विद्रोह के बाद पुतिन कितना कमजोर हुए हैं। कई सदस्य देशों और यूरोपीय संघ संस्थानों के अधिकारियों ने कहा कि विद्रोह से पैदा हुई अराजकता और अस्थिरता न केवल यूरोपीय संघ को अधिक गोला-बारूद की प्रतिबद्धता के साथ यूक्रेन के लिए अपने समर्थन को दोगुना करने के लिए प्रेरित करेगी, बल्कि यह सुनिश्चित करने के प्रयासों को भी तेज करेगी कि संबंधित ब्लॉक में खुद कोई लड़ाई और हिंसा न फैले। यूरोपीय संघ के अधिकतर देश नाटो के भी सदस्य हैं, और गठबंधन के 11-12 जुलाई को होने वाले शिखर सम्मेलन में वे यूक्रेन को अधिक सुरक्षा गारंटी देने पर विचार करेंगे। (भाषा)