लंदन: भारत में रंगों का पर्व होली बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत से इतर भी अब कई अन्य देशों में भी होली पर्व की धूम देखने को मिलती है। दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड में 11वीं सदी के ऐतिहासिक किले में अपनी तरह का पहला होली उत्सव आयोजित किया गया। इस उत्सव में शामिल हुए तीन हजार से अधिक लोगों ने इसके मैदानों को रंगों से सराबोर कर दिया। इस शानदार रंग के पर्व को देख अंग्रेज अधिकारी समेत अन्य लोग भी हैरान रह गए और उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों को शुक्रिया कहा। अंग्रेजों ने भी इस उत्सव का जमकर लुत्फ उठाया।
खंडहर हो चुके किले में बरसे रंग
दरअसल, डोर्सेट काउंटी में स्थित कोर्फ कैसल एक खंडहर हो चुका किला है जिसकी देखरेख नेशनल ट्रस्ट चैरिटी करता है। स्थानीय प्राधिकरण बोर्नमाउथ पूल क्राइस्टचर्च (बीपीसी) के भारतीय समुदाय ने पिछले सप्ताहांत गोल्डरेन एक्सक्लूसिव इवेंट्स की मदद से ‘रंग बरसे’ कार्यक्रम आयोजित करने के लिए खंडहर हो चुके इस किले को चुना। खंडहर हो चुके किले में जब रंग बरसे तो हर तरफ रंग ही रंग नजर आया।
'भारतीय समुदाय का समर्थन करने पर गर्व'
कोर्फ कैसल के अधिकारी टॉम क्लार्क ने कहा, ‘‘कोर्फ कैसल ने अपने शुरुआती दिनों में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया अैर यह सदियों से स्थानीय समुदायों के लिए एकजुट होने का एक महत्वपूर्ण स्थान बना हुआ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस तरह के आयोजनों की मेजबानी करके इस ऐतिहासिक विरासत को जारी रखते हुए खुशी हो रही है। नेशनल ट्रस्ट पूरे देश की सेवा करने के लिए स्थापित किया गया था। हमें हर किसी के साथ होली उत्सव का जश्न मनाने के लिए इस शानदार भारतीय समुदाय का समर्थन करने पर गर्व है। तीन हजार से अधिक लोगों ने इसमें भाग लिया।’’
विलियम प्रथम ने की थी किले की स्थापना
इंग्लैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में धरोहर संरक्षण का काम करने वाले नेशनल ट्रस्ट ने उम्मीद जताई कि यह कार्यक्रम इस किले पर भी प्रकाश डालेगा जिसकी स्थापना 1066 में विलियम प्रथम ने की थी। भाषा
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