Highlights
- पेगासस नहीं अब हर्मिट स्पाइवेयर से खतरा
- जासूसी का बड़ा हथियार बना हर्मिट स्पाइवेयर
- कई देशों के नेता, पत्रकार, बिजनेसमैन निशाने पर
Hermit spyware: दुनियाभर में चर्चा में रहे पेगासस स्पाइवेयर को लेकर भारत में कई बार सड़क से लेकर संसद तक हो-हल्ला मच चुका है। मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है। इस सॉफ्टवेयर से जासूसी कराने के मामले में सरकार को अभी क्लीन चीट नहीं मिली है, इसी बीच एक और नया जासूसी करने वाला सॉफ्टवेयर चर्चा में आ गया है। इसका नाम है 'हर्मिट स्पाइवेयर'। बताया जा रहा है हर्मिट पेगासस से भी ज्यादा खतरनाक है। इसका खुलासा साइबर सिक्योरिटी कंपनी 'लुकआउट थ्रेट लैब' ने किया है।
इटली में बना है हर्मिट स्पाइवेयर
लुकआउट ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कई देशों में लोगों की जासूसी करने के लिए हो रहा है। इसके निशाने पर सरकारी अधिकारी, बिजनेसमैन, ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट, जर्नलिस्ट, पॉलिटिकल लीडर और एजुकेशन सेक्टर से जुड़े लोग हैं। इस स्पाइवेयर का पता लगाने वाले रिसर्चर ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि उनके एनालिसिस के आधार पर हर्मिट स्पाइवेयर को इटली स्पाइवेयर वेंडर RCS लैब और Tykelab Srl ने तैयार किया है।
इस स्पाइवेयर को कजाकिस्तान में स्पॉट किया गया है
लुकआउट के मुताबिक यह एक मॉड्यूलर स्पाइवेयर है, जो डाउनलोड होने के बाद अपना काम शुरू कर देता है। SMS के जरिए टारगेट मोबाइल में इस सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल किया जाता है। यह एक फिशिंग अटैक होता है। डाउनलोड होने के तुरंत बाद यह अपना काम शुरू कर देता है। यह ऑडियो रिकॉर्ड कर सकता है, कॉल कर सकता है और उसे रिडायरेक्ट कर सकता है। यह कॉल लॉग, डिवाइस की लोकेशन और SMS का डाटा कलेक्शन कर सकता है। कंपनी के रिसर्चर ने पाया कि इस स्पाइवेयर को कजाकिस्तान में स्पॉट किया गया है।