इजरायल हमास युद्ध को लेकर फ्रांस का बड़ा रिएक्शन सामने आया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हमास संगठन पर सबसे बड़ा हमला बोला है। मैक्रों ने कहा कि हमास एक आतंकवादी संगठन है। यह संगठन इज़राइल का विनाश और मौत चाहता है। यह आतंकी संगठन गाजा के लोगों को आपराधिक और निंदनीय तरीके से बेनकाब करता है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में सामने आई है। जब इजरायल हमास युद्ध पर दुनिया दो ध्रुवों में बंटती हुई दिखाई दे रही है। अमेरिका और ब्रिटेन के बाद फ्रांस की इस सख्त टिप्पणी से जहां इजरायल को आत्म बल मिला है, तो वहीं मैक्रों के इस बयान ने मध्य-पूर्व के देशों में खलबली मचा दी है।
अब तक अमेरिका और ब्रिटेन दो ऐसे देश हैं, जिन्होंने न सिर्फ इस युद्ध में इजरायल का समर्थन खुलकर किया, बल्कि उसके लिए अपनी सेना और हथियार भी भेज दिया। इसके बाद फ्रांस के राष्ट्रपति का यह बयान साबित कर रहा है कि वह भी इजरायल की मदद की दौड़ में खुद को पीछे नहीं रखना चाहते है। राष्ट्रपति मैक्रों के बयान से साफ है कि फ्रांस भी इजरायल की मदद के लिए जल्द हथियारों की तैनाती कर सकता है। अब तक भारत समेत दुनिया के लगभग सभी बड़े देशों ने हमास को आतंकी संगठन कहा है। जबकि मिडिल-ईस्ट यानि मध्य-पूर्व के देश हमास को आजादी की लड़ाई लड़ने वाला संगठन मान रहे हैं।
अब तक हमास-इजरायल युद्ध में 4000 से ज्यादा लोगों की मौतें
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार बीते 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमास के आतंकी हमले के बाद इजरायली सेना की जवाबी कार्रवाई जारी है। इजरायल की सेना गाजा पट्टी इलाके में हमास के ठिकानों पर लगातार बमबारी कर रही है। गाजा पट्टी में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। इजरायल और गाजा में अब तक 4000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 10 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। वहीं इजरायल की सेना ने कल रात हमास के टॉप लीडर याह्या सिनेवार के पांच ठिकानों पर हमला किया। इज़रायल के आर्मी चीफ की कहना है कि याह्या सिनेवार ही वो शख्स है जिसने इन हमलों के प्लानिंग की। वहीं इजरायल ने अपनी संभावित जमीनी अभियान की भी तैयारी शुरू कर दी है। यही वजह है कि इस तैयारी के लिए इजरायल ने करीब 3.60 लाख रिजर्व सैनिकों को बुला लिया है।