Highlights
- तुर्की ने ग्रीस को हमले की धमकी दी
- दोनों देशों के बीच दशकों से विवाद
- एर्दोआन ने तुर्की को खुली धमकी दी
Turkey Greece War: ये दुनिया पहले से ही युद्ध के परिणामों को झेल रही है और अब पूर्वी भूमध्य सागर में एक नई परेशानी खड़ी हो रही है। यहां तुर्की और ग्रीस के बीच तनाव इस कदर तक बढ़ गया है कि दोनों एक दूसरे को खुली धमकी दे रहे हैं, इस दौरान औपचारिक भाषा का कतई इस्तेमाल नहीं हो रहा। पहले तुर्की ने धमकी दी थी कि वह अपने पड़ोसी ग्रीस के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर सकता है। तुर्की और ग्रीस दोनों ही नाटो के सदस्य हैं, जो अमेरिका के नेतृत्व वाला एक सैन्य गठबंधन है। लेकिन दोनों के बीच का तनाव इस सैन्य गठबंधन में विभाजन का संकेत दे रहा है।
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने ग्रीस को 'भारी कीमत चुकाने' की धमकी दी थी। हालांकि तुर्की और ग्रीस के बीच तनाव के और भी कई कारण हैं। जिनमें एजियन सागर में क्षेत्रीय दावे, समुद्री अधिकार, प्राकृतिक गैस और हवाई क्षेत्र पर असहमति शामिल हैं। रूस के यूक्रेन पर हमला करने तक भी इनके रिश्ते ठीक थे, लेकिन उसके बाद से इनमें तेजी से गिरावट देखने को मिली है। मंगलवार को एर्दोआन ने कहा कि तुर्की, ग्रीस के कथित खतरों के जवाब में अचानक किसी रात यहां आ सकता है। ऐसे में तुर्की के इस देश पर हमले की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, 'मैं जिस बारे में बोल रहा हूं, वह कोई सपना नहीं है। अगर मैं कहता हूं कि हम एक रात अचानक आ जाएंगे, तो उसका मतलब है कि जब समय आएगा, हम एक रात अचानक आ जाएंगे।'
एर्दोआन ने दी थी खुली धमकी
एर्दोआन की धमकी की वजह से ही ग्रीस गुस्से से आगबबूला हो गया है। इस साल ग्रीस और तुर्की के बीच 1919-1922 के बीच हुए युद्ध को 100 साल पूरे हो गए हैं। 30 अगस्त को तुर्की ने अपना विजय दिवस मनाया है, इसी दिन उसने ग्रीस की सेना को एंटोलिया से खदेड़ दिया था। शनिवार को इसी युद्ध की तरफ इशारा करते हुए एर्दोआन ने कहा था, 'इतिहास को देख लें, अगर आप ज्यादा आगे बढ़े, तो उसकी भारी कीमत होगी। हमारे पास ग्रीस को कहने के लिए एक ही बात है: इजमिर (तुर्की का एक शहर) को न भूलें।' जवाब में ग्रीस ने नाटो, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र को पत्र भेजकर एर्दोआन के 'उकसावे' भरे बयान और 'खुली धमकियों' की निंदा की है।
ग्रीस ने अपने पत्र में इन सभी संस्थानों से अपील करते हुए कहा कि एर्दोआन के बयान की निंदा की जानी चाहिए। इसमें यूक्रेन युद्ध की तरफ इशारा करते हुए कहा गया है, 'मामले की गंभीरत को नजरअंदाज करते हुए, हम ऐसी स्थिति देखने का जोखिम उठा रहे हैं, जो महाद्वीप के दूसरे हिस्से में देखने को मिल रही है।' कई विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि इस तरह की बयानबाजी ने साल 2020 में भी तुर्की और ग्रीस के बीच तनाव पैदा कर दिया था और दोनों संघर्ष की कगार पर आ गए थे।