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जेलेंस्की मांग रहे थे विमान, जर्मनी ने तोड़ दिया गुमान; जानें क्यों लगा पुतिन से दोस्ती का आरोप?

यूक्रेन युद्ध मामले में जर्मनी बार-बार अपना स्टैंड बदल रहा है। कभी वह पूरी तरह यूक्रेन के साथ खड़ा दिखता है तो कभी मदद से अपने हाथ पीछे खींच लेता है। यूक्रेन को लैपर्ड-2 टैंक देने का वादा करने के बाद भी जर्मनी काफी दिनों तक कभी हां तो कभी न करता रहा।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jan 30, 2023 7:13 IST, Updated : Jan 30, 2023 15:33 IST
फाइटर जेट, जर्मनी (फाइल)
Image Source : AP फाइटर जेट, जर्मनी (फाइल)

Germany Will Not Give Fighter Jet To Ukraine: यूक्रेन युद्ध मामले में जर्मनी बार-बार अपना स्टैंड बदल रहा है। कभी वह पूरी तरह यूक्रेन के साथ खड़ा दिखता है तो कभी मदद से अपने हाथ पीछे खींच लेता है। यूक्रेन को लैपर्ड-2 टैंक देने का वादा करने के बाद भी जर्मनी काफी दिनों तक कभी हां तो कभी न करता रहा। बाद में जब कई देशों ने दबाव डाला तो वह यूक्रेन को लैपर्ड-2 (तेंदुआ-2) टैंक देने को तैयार हो गया। मगर अब यूक्रेन को फाइटर जेट देने से जर्मनी ने साफ इनकार कर दिया है। जर्मनी ने कहा है कि यूक्रेन को वह कोई फाइटर जेट नहीं देगा। इससे यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की उम्मीदों को करारा झटका लगा है।

लंबे समय बाद जब जर्मनी यूक्रेन को लैपर्ड-2 टैंक भेजने को तैयार हुआ था तो यूक्रेन ने ओवर कांफिडेंट दिखाते हुए उम्मीद जताई थी कि उसे परमाणु हथियार छोड़कर सबकुछ मिलेगा। टैंकों की आपूर्ति के वादे से उत्साहित राष्ट्रपति जेलेंस्की ने सभी सहयोगी देशों से यूक्रेन को फाइटर जेट देने की भी अपील की थी, मगर अब यूक्रेन का यह भरोसा जर्मनी ने तोड़ दिया है। यूक्रेन को टैंक भेजने पर सहमति जताने के कुछ दिनों बाद जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने लड़ाकू विमान भेजने से इनकार कर दिया है। रविवार को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्कोल्ज ने कहा कि उनका ध्यान जर्मन निर्मित लैपर्ड- 2 टैंकों की डिलीवरी पर था। उन्होंने कहा कि फैक्ट यह है कि हमने अभी-अभी यूक्रेन को लैपर्ड-2 टैंक भेजने का फैसला किया है। मगर इसी दौरान अगली बहस भी जोर पकड़ने लगी है, जो काफी बेतुकी लगती है।

नाटो पर लगे रूस का साथ देने के आरोप

जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने उन आरोपों का खंडन किया है, जिसमें नाटो पर आरोप लगाया गया है कि वह युद्ध में रूस के साथ है। स्कोल्ज ने कहा कि नाटो रूस के साथ युद्ध में कभी नहीं था। हम इस तरह के ग्रोथ की अनुमति भी नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि पिछले महीने वह पुतिन के संपर्क में थे। उसी दौरान राष्ट्रपति पुतिन से उनकी आखिरी बातचीत हुई थी। हालांकि उन्होंने दोहराया कि इसका मतलब यह नहीं कि नाटो रूस के साथ है। बता दें कि जर्मनी को 14 लैपर्ड-2 टैंक देने के का वादा करने के बाद जर्मनी ने यू-टर्न ले लिया था और टैंकों की आपूर्ति नहीं कर रहा था। मगर सहयोगी देशों की ओर से दबाव बढ़ने पर उसे इसके लिए तैयार होना पड़ा।

यूक्रेन ने की फाइटर जेट गठबंधन बनाने की मांग

जर्मनी के अलावा अमेरिका भी यूक्रेन को अब्राम-1 घातक टैंक दे रहा है। इसी बीच जेलेंस्की ने नाटो सहयोगी देशों से फाइटर जेट गठबंधन बनाने को कहा है। जेलेंस्की के इस प्रस्ताव पर अमेरिका का कहना है कि वह बहुत सावधानी पूर्वक इस मसले पर विचार करेगा। यूक्रेन के डिप्टी फॉरेन मिनिस्टर एंड्री मेलनीक ने फाइटर जेट गठबंधन की मांग की है। ताकि उसे यूएस का एफ-16, एफ-35, यूरोफाइटर्स, टोनार्डोस, फ्रांस का राफेल और स्वीडिश ग्रिपेन जेट मिल सके। यूक्रेन को उम्मीद है कि इस गठबंधन के जरिये उसे लड़ाकू विमानों की आपूर्ति होती रहेगी और वह रूसी हमले का जवाब दे सकेगा। साथ ही अपने आसमान की सुरक्षा कर सकेगा।

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