Highlights
- जर्मनी सहित कई देशों में गैस की किल्लत
- जर्मनी के लोगों से ऊर्जा बचाने का आग्रह
- 'ऊर्जा को बचा सर्दियों की तैयारी करनी चाहिए'
Germany Gas Crisis: रूस ने कुछ दिन पहले यूरोपीय देशों के लिए गैस की आपूर्ति कम कर दी थी। इसके चलते विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश जर्मनी और कुछ अन्य देशों में गैस को लेकर चिंता पैदा हो गई। इसके मद्देनजर अब जर्मनी में लोगों से गैस की किल्लत को लेकर तैयार रहने को कहा गया है।
जर्मनी की ऊर्जा नियामक एजेंसी के प्रमुख ने आज शनिवार को लोगों से ऊर्जा बचाने और गैस की किल्लत के लिए तैयार रहने को कहा है। उन्होंने आशंका जताई कि रूस प्राकृतिक गैस की आपूर्ति घटा सकता है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा को बचाकर सर्दियों की तैयारी करनी चाहिए, जब मांग बढ़ जाती है।
'गैस की खपत को 10-15% तक कम किया जा सकता है'
फेडरल नेटवर्क एजेंसी के अध्यक्ष क्लाउस मुलर ने घर और अपार्टमेंट मालिकों से आग्रह किया कि वे अपने गैस बॉयलर और रेडिएटर की जांच करें और उनकी दक्षता को अधिकतम करने पर ध्यान दें। उन्होंने जर्मनी के मीडिया समूह फनके मेडीनग्रुप से कहा, ''सही रख-रखाव से गैस की खपत को 10% से 15% तक कम किया जा सकता है।'' मुलर ने कहा कि मकान मालिकों को ठंड के मौसम की तैयारी करने के लिए मौजूद 12 सप्ताह का इस्तेमाल करना चाहिए।
गैस की कटौती को लेकर रूस पर आर्थिक हमला का आरोप
इससे पहले जर्मनी ने प्राकृतिक गैस की कटौती को लेकर रूस पर आर्थिक हमला करने का आरोप लगाया था। बता दें कि यूरोपीय यूनियन (ईयू) के अंतर्गत आने वाले एक दर्जन देश रूसी गैस कटौती से बुरी तरह से जूझ रहे हैं। इनमें से 10 देशों ने उपभोग्ताओं के लिए चेतावनी जारी कर दी है। यह जानकारी ईयू के पर्यावरण मामलों के प्रमुख फ्रांस टिमरमांस ने दी थी।
गैस को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने से रूस का इनकार
उन्होंने कहा था कि रूस गैस को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है, जबकि रूस ने इससे इनकार किया था। बता दें कि रूस रूबल में भुगतान नहीं करने के चलते पोलैंड, बुल्गारिया, नीदरलैंड्स, डेनमार्क और फिनलैंड की गैस आपूर्ति पहले ही बंद कर दिया था।
आपूर्ति की जा रही गैस के दबव में कमी की भी शिकायत आई सामने
रूस ने नाई स्ट्रीम वन पाइपलाइन के जरिए यूरोप में होने वाली गैस आपूर्ति की मात्रा में कुछ दिन पहले 40 फीसदी की कटौती कर दी थी। इसके बाद आपूर्ति की जा रही गैस के दबव में कमी की भी शिकायत सामने आई थी। इससे गैस के आगे बढ़ने में दिक्कत आ रही थी।