Highlights
- यूरोपीय देशों पर गैस आपूर्ती का खतरा मंडरा रहा
- यूक्रेन युद्ध के बाद से रूस बौखलाहट में यूरोपीय देशों पर कर रहा आर्थिक हमला
- गैस की किल्लत के कारण देश में राजनीतिक संकट पैदा होने की उम्मीद
Gas Crisis in Europe: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूस ने अब यूरोपीय देशों पर अपना शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। रूस यूरोपीय देशों की गैस आपूर्ति में कटौती कर अपनी ताकत के आगे झुकाना चाहता है। ऐसे में अभी हाल ही में रूस द्वारा गैस कटौती को लेकर पूरे यूरोप में अफरा-तफरी मची हुई है। बता दें कि यूक्रेन युद्ध के बाद से रूस और पश्चिमी देशों में तनाव चरम पर है। यूरोपीय देश के प्रतिनिधी इस बात से परेशान हैं कि अगर मामला ऐसे ही चलता रहा तो सर्दियों में गैस की किल्लत के कारण देश में राजनीतिक संकट पैदा हो जाएगा। लेकिन रूस उल्टा इसका जिम्मेदार पश्चिमी देशों को ही ठहरा रहा है।
गैस आपूर्ति 'संकट' का सामना कर रहा जर्मनी
जर्मनी ने प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के लिए त्रिस्तरीय आपात योजना के दूसरे चरण में पहुंचने की घोषणा की और चेतावनी दी है कि रूस की तरफ से कम होती आपूर्ति के चलते सर्दी के लिए भंडारण लक्ष्यों को लेकर खतरा पैदा हो गया है। सरकार ने कहा कि 14 जून से रूस की ओर से आपूर्ति में कटौती और बाजार में गैस के दामों में उछाल के चलते उसे 'चिंताजनक' स्तर की चेतावनी जारी करनी पड़ी है। तीसरा और अंतिम चरण ''आपात'' स्तर कहा जाएगा। आर्थिक मामलों के मंत्री रॉबर्ट हेबेक ने एक बयान में कहा कि हालात गंभीर हैं और सर्दी भी आएगी। उन्होंने कहा, ''गैस आपूर्ति में कटौती (रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर) पुतिन का हम पर आर्थिक हमला है। हम इससे खुद की रक्षा करेंगे। लेकिन देश को पथरीले रास्ते पर चलना पड़ेगा।''
इन देशों में भी हालात खराब
रूस ने पिछले सप्ताह जर्मनी, इटली, ऑस्ट्रिया, चेक गणराज्य और स्लोवाकिया को गैस की आपूर्ति में कटौती कर दी थी और यूरोपीय संघ के देश बिजली उत्पादन, ऊर्जा उद्योग और सर्दियों में घरों को गर्म रखने के लिए इस्तेमाल होने वाले ईंधन के भंडारण की जुगत भिड़ा रहे हैं। जर्मनी का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब पोलैंड, बुल्गारिया, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस और नीदरलैंड को हाल के हफ्तों में गैस आपूर्ति बंद कर दी गयी।
जर्मनी पर रूस का आर्थिक हमला
जर्मनी की सरकार ने कहा कि फिलहाल गैस भंडारण केंद्रों की क्षमता 58 प्रतिशत है, जो बीते साल के इस समय की तुलना में अधिक है। लेकिन यदि आगे कदम नहीं उठाए गए तो दिसंबर तक 90 प्रतिशत क्षमता हासिल करने का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता। हेबेक ने कहा, ‘‘यहां तक कि अगर हमें अब भी यह महसूस नहीं होतो है तो हम गैस संकट से गुजर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दाम पहले से ज्यादा हैं और हमें आगे और वृद्धि के लिए तैयार रहने की जरूरत है।