India and Italy Bilateral Relations: भारत के प्रधानमंत्री मोदी G7 समिट में हिस्सा लेने के लिए इटली पहुंचे हैं। इटली के ब्रिंडिसि हवाई अड्डे पर पहुंचते ही मोदी ने सोशल मीडिया पर पेस्ट कर कहा कि मैं G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इटली पहुंच गया हूं। दुनिया के नेताओं के साथ मिलकर सार्थक चर्चा करने के लिए उत्सुक हूं। G7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं। इटली G7 शिखर सम्मेलन की वर्तमान में अध्यक्षता और मेजबानी कर रहा है। इटली भारत के लिए अहम है और पीएम मोदी के इस दौरे से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में और मजबूती आएगी। तीसरी बार भारत का प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी का यह पहला विदेश दौरा है। तो चलिए इस रिपोर्ट में समझते हैं कि पीएम मोदी का दौरा भारत इटली के द्विपक्षीय संबंधों के लिए कितनी अहमियत रखता है।
बढ़ेगा आर्थिक सहयोग
इटली और भारत के बीच मजबूत आर्थिक साझेदारी है। पीएम मोदी की इस यात्रा से इसमें और बढ़ोतरी होने की पूरी संभावना है। इटली में भारतीय निवेश लगभग 400 मिलियन अमरीकी डॉलर होने का अनुमान है। इटली में भारतीय कंपनियां मुख्य रूप से आईटी, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स, विनिर्माण और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में हैं। भारत और इटली के बीच 2022-23 में द्विपक्षीय व्यापार 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जिसमें निर्यात 8.691 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो अब तक का सबसे अधिक है। दोनों देश खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा, डिजाइन, विनिर्माण और वित्तीय सेवाओं जैसे आशाजनक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
दूर होंगी व्यापारिक बाधाएं
भारत से इटली को निर्यात की जाने वाली वस्तुओं में लोहा और इस्पात, दूरसंचार उपकरण, पेट्रोलियम उत्पाद, लोहा और इस्पात से बने उत्पाद समेत चाय जैसी अन्य वस्तुएं शामिल हैं। इटली से आयात की मुख्य वस्तुओं में डेयरी के लिए औद्योगिक मशीनरी, इलेक्ट्रिक मशीनरी और उपकरण, रसायन,विविध इंजीनियरिंग वस्तुएं और मशीन टूल्स शामिल हैं। इस बीच दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए इसमें आने वाली बाधाओं को दूर करना होगा। भारत में 700 से अधिक इतालवी कंपनियां हैं, जिनमें लगभग 60,000 के करीब लोगों को रोजगार मिलता है और कुल कारोबार 9.7 बिलियन यूरो है। भारत में काम करने वाली प्रमुख इतालवी कंपनियों में फेरेरो, फिएट, सीएनएच और पर्फ़ेटी शामिल हैं। पाएम मोदी के इस दौरे से व्यापार के क्षेत्र में भी गति तेज होगी।
भारत-इटली के बीच हैं मजबूत संबंध
भारत और इटली दोनों लोकतात्रिक देश हैं और दोनों के बीच घनिष्ठ मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। दोनों देश कानून के शासन, मानवाधिकारों के सम्मान और समावेशी विकास के माध्यम से आर्थिक विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों देशों ने पिछले साल राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न भी मनाया था। पीएम नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2021 में G20 शिखर सम्मेलन के लिए इटली का दौरा किया। इतालवी पीएम जॉर्जिया मैलोनी ने मार्च 2023 में राजकीय यात्रा पर भारत का दौरा किया। मैलोनी G20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत भी आईं थी।
भारत-इटली के बीच वार्ता की लंबी श्रंखला
भारत और इटली रक्षा, ऊर्जा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी समेत कई मुद्दों पर साथ मिलकर काम करते हैं। पीएम मोदी के इस दौरे से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक भी बढ़ाया जा सकता है। इससे पहले G20 से संबंधित बैठकों के लिए इटली के कई मंत्रियों ने 2023 में भारत का दौरा किया था। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, वित्त, कृषि, शिक्षा समेत संस्कृति जैसे विषयों पर बात हुई थी। इतालवी सीनेट और चैंबर ऑफ डेप्युटीज के स्पीकर और अध्यक्ष ने पिछले साल P20 की बैठक में भी भाग लिया था।
मंत्रियों का इटली दौरा
पिछली सरकार में विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले साल क्रमशः नवंबर, अक्टूबर और अप्रैल में इटली का दौरा किया था। इन नेताओं के दौरे से भारत और इटली के बीच रक्षा, अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम करने को लेकर एजेंडा निर्धारित किया गया था। इसी क्रम में भारत और इटली संयुक्त रूप से 2022 से 24 की अवधि के लिए सहयोग के कार्यकारी कार्यक्रम के तहत, बायोमेडिकल/स्वास्थ्य विज्ञान और सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के लिए लागू प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में उत्कृष्टता के तीन नेटवर्क को वित्त पोषित कर रहे हैं। इसरो ने व्यावसायिक मोड पर इटली के पांच उपग्रह लॉन्च किए हैं।
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