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G-7 Summit: चीन की BRI के जवाब में जी-7 लेकर आया 600 अरब डॉलर की निवेश योजना, पढ़ें पूरी खबर

G-7 Summit: जी-7 देशों के आयोजित शिखर सम्मेलन में रविवार को ‘वैश्विक अवसंरचना एवं निवेश भागीदारी’ (PGII) योजना का उद्घाटन किया गया। यह योजना जी-7 की पिछले साल ब्रिटेन बैठक में घोषित योजना का ही संशोधित रूप है।

Edited by: Akash Mishra @Akash25100607
Published on: June 27, 2022 23:37 IST
G-7 leaders summit  - India TV Hindi
Image Source : AP G-7 leaders summit  

Highlights

  • PGII योजना सभी के लिए फायदेमंद साबित होगी: बाइडन
  • "PGII से सभी अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा"
  • BRI के जवाब के तौर पर देखी जा रही है PGII योजना

G-7 Summit: दुनिया के सात विकसित देशों के संगठन G-7 के नेताओं ने भारत जैसे विकासशील देशों में ढांचागत परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए वर्ष 2027 तक 600 अरब डॉलर के निवेश का ऐलान किया है। G-7 देशों की इस पहल को चीन की तरफ से चलाई जा रही ‘बेल्ट एवं रोड इनिशिएटिव’ (BRI) के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। चीन ने दुनिया के कई देशों को ढांचागत परियोजनाओं के लिए भारी कर्ज दिया हुआ है। जी-7 देशों के यहां आयोजित शिखर सम्मेलन में रविवार को ‘वैश्विक अवसंरचना और निवेश भागीदारी’ (PGII) योजना का उद्घाटन किया गया। यह योजना जी-7 की पिछले साल ब्रिटेन बैठक में घोषित योजना का ही संशोधित रूप है। 

राष्ट्रपति जो बाइडन ने किया PGII का ऐलान  

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने PGII का ऐलान करते हुए कहा कि यह योजना सभी के लिए फायदेमंद साबित होगी। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘जी-7 के देश मिलकर 2027 तक करीब 600 अरब डॉलर जुटाएंगे जिसे महत्वपूर्ण ढांचागत परियोजनाओं में लगाया जाएगा। ये परियोजनाएं लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाएंगी और सही मायने में उनके लिए लाभदायक होंगी।’’ उन्होंने यह साफ किया कि वैश्विक ढांचागत भागीदारी की यह पहल कोई मदद या ‘चैरिटी’ नहीं है। यह सभी लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए किया जाने वाला एक निवेश है। इससे सभी अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा। चीन की अरबों डॉलर वाली BRI योजना की इस आधार पर आलोचना की जाती रही है कि इसने कई विकासशील देशों को कर्ज के तले दबा दिया है।

कहां होगा भारत में तीन करोड़ डॉलर का निवेश? 

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की तरफ से 2013 में घोषित BRI योजना के तहत विकासशील देशों को बंदरगाह, सड़क एवं पुल बनाने के लिए कर्ज दिया जाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका PGII के तहत अगले पांच वर्षों में अनुदान, संघीय वित्तपोषण और निजी निवेश के जरिये 200 अरब डॉलर जुटाने की मंशा रखता है। G-7 मिलकर कुल 600 अरब डॉलर जुटाने की कोशिश करेगा। भारत के बारे में व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय DFC उद्यम पूंजी कोष ओम्निवोर एग्रीटेक एंड क्लाइमेट सस्टेनेबिलिटी फंड-3 में तीन करोड़ डॉलर का निवेश करेगा। यह कोष भारत में कृषि, खाद्य प्रणाली, जलवायु एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़़े उद्यमों में निवेश करेगा। 

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